नई दिल्ली। एमजी मोटर इंडिया ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। ऑटोमेकर के ऑल-वुमन क्रू ने अपने 50,000वेें एमजी हेक्टर वाहन का निर्माण गुजरात के वड़ोदरा में किया है। ऑटोमेकर के मुख्य परिचालन सिद्धांतों में से एक है-’विविधता’ और इसका जश्न मनाते हुए एक नया बैंचमार्क सेट किया है। इस पहल के तौर पर महिलाओं ने ही 50,000वें वाहन का एंड-टू-एंड उत्पादन किया है। अपनी तरह की अनूठी और पहली उपलब्धि में महिलाएं ही शीट मेटल के पैनल-प्रेसिंग और वेल्डिंग से लेकर जॉब पेंटिंग करने तक के साथ-साथ पोस्ट-प्रोडक्शन टेस्ट रन में शामिल थीं।
एमजी मोटर इंडिया की गुजरात के हलोल (पंचमहल जिले) में अत्याधुनिक मैन्युफैक्चरिंग फेसिलिटी है। ब्रिटिश ऑटोमेकर ने अपने कर्मचारियों में महिलाओं की हिस्सेदारी 33% सुनिश्चित की है, जिसमें महिला पेशेवर सभी व्यावसायिक कार्यों में पुरुष समकक्षों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं।
इस उपलब्धि पर एमजी मोटर इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक राजीव चाबा ने कहा कि एमजी के लिए विविधता, समुदाय, नवाचार और अनुभवों को अपने परिचालन सिद्धांतों का आधारभूत स्तंभ रखा है। इसके आधार पर ही यह एक प्रगतिशील ब्रांड के तौर पर विकसित हुआ है। हम मानते हैं कि यह एक ऐसी चीज है, जिसने एक ब्रांड के रूप में हमारे दृष्टिकोण को व्यापक बनाया। हमारे व्यावसायिक कार्यों के हर पहलू में दक्षता को बढ़ाया है। महिलाओं की टीम ने हमारे 50,000वें एमजी हेक्टर को बनाया है, जो उनके योगदान और कड़ी मेहनत के सम्मान का प्रतिनिधि है। इससे यह भी दिखता है कि ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग जैसे पुरुष-प्रधान उद्योगों में लगी कांच की छतें अब टूट चुकी हैं। हमारा मानना है कि यह भारत और विदेशों में अधिक से अधिक महिलाओं को ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री से जुड़ने को प्रेरित करेगा।
इस पहल को आगे बढ़ाते हुए एमजी का लक्ष्य भविष्य में अपने संगठन में 50% लैंगिक विविधता हासिल करना है। संतुलित वर्क फोर्स का मार्ग प्रशस्त करना है। स्थापना के बाद से ब्रांड ने अपने मुख्य फोकस क्षेत्र के रूप में अपने हलोल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के पास स्थानीय पंचायतों के साथ मिलकर काम किया है। ऐसा करने से अधिक युवा महिलाओं को एमजी प्लांट में सेफ और सिक्योर माहौल में काम करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।