कीड़ायुक्‍त पानी पीने को मजबूर है आदिवासी परिवार

झारखंड मुख्य समाचार
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लातेहार। आदिवासी परिवार कीड़ायुक्‍त पानी पीने को मजबूर हैं। यह स्थिति जिले के चंदवा प्रखंड की बरवाटोली पंचायत के चिलदीरी गांव की है। यहां लगा जलमीनार बीते आठ माह से खराब है। सामाजिक कार्यकर्ता अयुब खान, अजीज अंसारी ने गांव का दौरा किया। उन्‍होंने उपायुक्त अबु इमरान और बीडीओ से गांव में पानी एवं बिजली समस्या दूर करने की मांग की है।

चिलदिरी गांव में जल नल योजना के तहत लगा जलमीनार करीब आठ माह से खराब पड़ा है। ग्रामीण पानी की समस्या से लोग जूझ रहे हैं। इससे महिलाओं को काफी परेशान हो रही हैं। ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामीणों को पेयजल मुहैया कराने के लिए नल-जल योजनाएं चलाई जा रही है। हालांकि पीएचडी विभाग नल-जल योजना के संचालन में विफल साबित हो रहा है। योजना ग्रामीणों की प्यास नहीं बुझा पा रहा है। ग्रामीणों को पानी के लिए दूरी तय करनी पड़ रही है। गांवों के ग्रामीण दूषित पानी पीने को मजबूर हैं।

गांव के अब्राहम बागे, पवल बागे, एनोन बागे, आसियान भागे, जुरसेन बागे, सरोज बागे, मेरी बागे, नुतन टोपनो, सुशील बागे, अनील सुरीन, जुनुल सुरीन, टुनूर बागे ने बताया कि यहां करीब पंद्रह घर आदिवासी परिवार निवास करते हैं। पानी की समस्या गंभीर है। जलमीनार खराब हो जाने से खेत में बनें कुआं का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। उस पानी में कीड़े रहते हैं। उस पानी को कई बार छानकर पीना पड़ता है। बच्चे इस पानी को पीकर उल्टियां कर देते हैं।

सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बताया कि जलमीनार आठ नौ माह से खराब है। ग्रामीणों को दूषित पानी पीना पड़ रहा है। आज तक इस गांव में पंचायत सेवक और राजस्व कर्मचारी एक बार भी गांव नहीं आए हैं। इस गांव में एक भी चापानल नहीं है। पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। इस गांव में बिजली भी अभी तक नहीं पहुंची है। ढिबरी लालटेन युग में ग्रामीण जी रहे हैं।