मकर संक्रांति पर बासुकीनाथ धाम में निभाई गई वर्षों की परंपरा

Uncategorized
Spread the love

दुमका। मकर संक्रांति पर फौजदारी दरबार बाबा बासुकीनाथ धाम में वर्षों की परंपरा निभाई गई। भोलेनाथ को लगाया गया दही, चूड़ा, तिल के लड्डू का भोग लगाया गया। इस पर्व पर श्रद्धालुओं ने पवित्र शिवगंगा में आस्था की डुबकी लगाई। अरघा के माध्यम से भोलेनाथ को जल के साथ तिल और इससे बनी सामग्रियां अर्पित की। मंदिर प्रशासन की ओर से भी मकर संक्रांति के अवसर पर भोलेनाथ को दही चूड़ा एवं तिल के बने लड्डू का भोग लगाया गया।

पंडा धर्म रक्षिणी सभा बासुकीनाथ के अध्यक्ष मनोज पंडा ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन से सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश कर उत्तरायण हो जाते हैं। इसके बाद शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते है। वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार स्थानीय श्रद्धालु बासुकीनाथ धाम स्थित नागेश कामना ज्योतिर्लिंग को दही, चूड़ा एवं तिल चढ़ाकर मकर संक्रांति पर्व मनाते हैं।

इस अवसर पर अन्य राज्यों से श्रद्धालु बासुकीनाथ धाम पहुंचे। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण बाबा का स्पर्श पूजा नहीं कर पाने का उन्हें मलाल है। खुशी इस बात की है कि भोलेनाथ की नगरी में आकर मकर संक्रांति पर्व मनाया। श्रद्धालुओं ने पूरे विश्व से कोरोना महामारी समाप्त करने की भोलेनाथ से कामना की।