नई दिल्ली। दिल्ली की निचली अदालतों में 18 जनवरी से फिजिकल सुनवाई के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल यानी 20 जनवरी को सुनवाई करेगा। मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एसए बोब्डे की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि हम स्थिति की गंभीरता को समझते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आमतौर पर हाईकोर्ट के प्रशासनिक फैसलों में हम दखल नहीं देते हैं। चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ताओं को दिल्ली हाईकोर्ट जाने की सलाह दी। तब वरिष्ठ वकील सिब्बल ने कहा कि फिजिकल सुनवाई के आदेश के बाद वकीलों के लिए कोरोना का खतरा बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि फिजिकल सुनवाई वैकल्पिक होनी चाहिए। इस मामले पर फैसला होने तक हाईकोर्ट को वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई का विकल्प खुला रखना चाहिए। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील अंजना प्रकाश ने कहा कि कुछ महिला वकीलों ने भी फिजिकल सुनवाई शुरू करने के खिलाफ याचिका दायर की है। तब कोर्ट ने उनकी याचिका को भी टैग करते हुए 20 जनवरी को सुनवाई करने का आदेश दिया।
वकीलों कार्तिक नायर, नैन्सी राय और अमित भगत ने दायर याचिका में कहा है कि हाईकोर्ट के आदेश में वकीलों के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश होने का कोई विकल्प नहीं दिया गया है। याचिका में हाईकोर्ट के पिछले 14 जनवरी के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें दिल्ली की निचली अदालतों में एक दिन छोड़कर फिजिकल सुनवाई करने का आदेश दिया गया है। याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने वकीलों, क्लर्स, कोर्ट स्टाफ और जजों के स्वास्थ्य का ख्याल किए बिना ही ये आदेश जारी कर दिया है। ऐसा करना संविधान की धारा 14, 19 और 21 का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया है कि कोरोना के केस अभी भी बढ़ रहे हैं। फिजिकल सुनवाई के लिए मजबूर करना कोरोना के संक्रमण को बढ़ावा दे सकता है।
दिल्ली हाईकोर्ट की 11 बेंचों में 18 जनवरी से नियमित सुनवाई करने का आदेश 14 जनवरी को जारी किया गया था। हाईकोर्ट ने निचली अदालतों को भी आदेश दिया है कि वे भी 18 जनवरी से हर कोर्ट एक दिन छोड़कर नियमित सुनवाई करें। बाकी दिनों में सभी कोर्ट वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई करेंगे।