रांची। नव वर्ष के पहले दिन स्कूल खोलने के माध्यमिक शिक्षा निदेशक जटाशंकर चौधरी के निर्देश का शिक्षकों ने विरोध किया। झारखंड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ, रांची जिला के तमाम पदधारी और सदस्यों ने इसे तुगलकी फरमान करार दिया। शिक्षा मंत्री सह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस तरह के आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की है।
सघ के जिला अध्यक्ष शत्रुघ्न महतो और जिला सचिव अजय झा ने कहा कि तुगलकी फरमान पर रोक नहीं होने पर पूरे राज्य के शिक्षक-शिक्षिका एवं कर्मचारी इस बिंदु पर विरोध करने के लिए रोड पर आने के लिए मजबूर हो जाएंगे। क्योंकि लगातार 10 दिनों से देखा जा रहा है कि शीतकालीन अवकाश को रद्द कर विद्यालय खोल दिया गया। 1 जनवरी के दिन भी शिक्षा निदेशक जटाशंकर चौधरी ने विद्यालय खोलने का आदेश दिया, जो साफ रूप से तुगलकी फरमान से कम नहीं है।
संघ के सदस्यों ने कहा कि मीडिया के माध्यम से अचानक पता चला कि विद्यालय खुला है, तो सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं मायूस हो गये। किसी तरह विद्यालय पहुंच कर अपनी-अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस मामले को लेकर एक विशेष बैठक हुई। इसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस तरह की तुगलकी फरमान का आदेश भविष्य में नहीं दिया जाए।
इस अवसर पर झारखंड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ रांची जिला के अध्यक्ष शत्रुघ्न महतो, जिला सचिव अजय झा, रविंद्र चौरसिया, कुमुद झा, पंकज कुमार मिश्र, प्रेम प्रकाश, विजय कुमार सिन्हा और प्रमंडलीय सचिव जयनंदन तिवारी ने फरमान जारी करने का विरोध किया है।