रांची। लॉकडाउन में रांची रेल मंडल ने इतिहास रचा। देश की पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन रांची रेल मंडल के हटिया स्टेशन पर आई। इससे करीब 1200 प्रवासी मजदूरों को लाया गया। इसके बाद देश के विभिन्न मंडलों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई गई।
वर्ष 2020 चुनौतियों से भरा वर्ष रहा। वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए संपूर्ण देश में लॉकडाउन किया गया। सारी पैसेंजर ट्रेन सेवाएं स्थगित की गई। संक्रमण के भय के माहौल में भी रांची रेल मंडल ने लॉकडाउन की अवधि में अपने न्यूनतम कर्मियों द्वारा कोरोना वायरस के सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए 24×7 कार्य किया।
मंडल रेल प्रबंधक नीरज अंबष्ठ के अनुशासन और कुशल में लॉकडाउन की अवधि में भी खाद्यान्न और आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति के लिए माल गाड़ियों का परिचालन सुचारू रूप से होता रहा।
इस प्रतिकूल परिस्थिति में भी रांची रेल मंडल अपने सामाजिक दायित्व को निभाते हुए लॉकडाउन की अवधि में प्रतिदिन हजारों जरूरतमंद लोगों को भोजन और भोजन पैकेट, मास्क, सेनिटाइजर एवं अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराया।
प्रवासी मजदूरों को अपने गंतव्य तक पहुंचाने के लिए देश की पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन (लिंगमपल्ली, हैदराबाद से हटिया) का आगमन रांची रेल मंडल के हटिया स्टेशन पर हुआ। संक्रमण के इस माहौल में अधिकारियों की सूझबूझ द्वारा राज्य सरकार को सभी प्रकार का सहयोग करते हुए इस चुनौतीपूर्ण कार्य को बहुत ही बेहतर ढंग से किया गया।
इसके बाद रांची रेल मंडल के हटिया, रांची, मुरी और लोहरदगा स्टेशनों पर भी 95 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का आगमन/मंडल से होते हुआ। इसमें लगभग 94 हजार प्रवासी मजदूर झारखंड आए। कोरोना वायरस के सारे प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सभी यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार का पूरा सहयोग किया गया।