आदिम जनजाति बिरहोर की कॉलोनी में एक माह से बिजली नहीं

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प्रशांत अंबष्‍ठ

बोकारो। जिले के गोमिया प्रखंड के अति उग्रवाद प्रभावित सियारी पंचायत के डुमरी गांव में बिरहोर टांडा है। यहां आदिम जनजाति बिरहोर की कॉलोनी है। कालोनी में बीते 1 माह से बिजली नहीं है। इसके कारण पूरा गांव ठंड के मौसम में अंधेरे में डूबा है।

ग्रामीण लालजी मांझी और बाबू दास टुडू ने बताया कि बिजली नहीं रहने से शाम 6 बजे के बाद पूरा गांव में अंधेरा पसर जाता है। जंगली जानवर सांप बिच्छू का भय सताने लगता है। इतना ही नहीं बिजली नहीं होने से सभी प्रकार की तकनीकी सामग्री भी बेकार हो गई है। मोबाइल, रेडियो, लाइट नहीं चल रहे हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि तकनीकी खराबी और तार टूटने से बिजली नहीं है। इसकी जानकारी बिजली विभाग के संबंधित अधिकारियों और कर्मियों को दी गई है। इसके बावजूद किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई। विभाग के लोग देखने भी नहीं आते हैं।

ग्रामीणों ने बिरहोर टांडा में जल्द बिजली बहाल करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि बिजली के बिना पूरा गांव अंधकारमय हो गया है। सरकार बिरहोर को सहेजने और उत्थान के लिए लाख दावे कर रही है। हालांकि स्थानीय अधिकारी उनकी एक नहीं सुनते हैं। इसके कारण उनकी परेशानी बढ़ती जा रही है।