मनरेगा योजनाओं के संचालन के लिए जारी हुआ नया आदेश, जानें डिटेल

झारखंड मुख्य समाचार
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रांची। झारखंड में मनरेगा योजनाओं के संचालन के लिए नया आदेश जारी किया गया है। इस बाबत मनरेगा आयुक्‍त ने सभी जिलों के उपायुक्‍त और उप विकास आयुक्‍त सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को 8 जनवरी को पत्र लिखा है।

मनरेगा आयुक्‍त ने लिखा है कि त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के विघटन के बाद मनरेगा योजनाओं के सफल क्रियान्वयन और मजदूरों को ससमय मजदूरी भुगतान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से योजना के क्रियान्वयन में होने वाले विभिन्न प्रकार के व्यय के लिए प्रथम हस्ताक्षरकर्ता के रूप में प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी और द्वितीय हस्ताक्षरकर्ता के रूप में प्रखंड विकास पदाधिकारी को प्राधिकृत किया गया था। पंचायती राज प्रभाग के पत्र 7 जनवरी, 2021 द्वारा त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के विघटन के बाद विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है।

ये है दिशा-निर्देश

मनरेगा योजना का क्रियान्वयन ग्राम पंचायत की कार्यकारी समिति द्वारा किया जाएगा।

पंचायत स्तर पर मनरेगा अंतर्गत योजनाओं के क्रियान्वयन में होने वाले विभिन्न प्रकार के व्यय का भुगतान पंचायत स्तर से किया जाएगा। इसमें प्रथम हस्ताक्षरकर्ता के रूप में सबंधित पंचायत के पंचायत सचिव और द्वितीय हस्ताक्षरकर्ता के रूप में नई व्यवस्था के तहत सबंधित पंचायत के प्रधान, कार्यकारी समिति होंगे।

प्रखंड स्तर पर होने वाले प्रशासनिक मद में व्यय का भुगतान eFMS प्रणाली के तहत FTO के माध्यम से किया जाएगा। इसमें प्रथम हस्ताक्षरकर्ता के रूप में सबंधित प्रखंड के प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी और द्वितीय हस्ताक्षरकर्ता के रूप में प्रखंड विकास पदाधिकारी-सह मुख्य प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी रहेंगे।

यदि किसी प्रखंड में दो प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी कार्यरत हैं, तो ऐसी परिस्थिति में प्रथम हस्ताक्षरकर्ता के रूप में वरीय प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी को प्राथमिकता दी जाय।

सभी प्रकार के भुगतान मनरेगा प्रावधानों और कार्य के अनुरूप किया जाएगा।

किसी भी परिस्थिति में मजदूरों की मजदूरी भुगतान विलंब से नहीं होनी चाहिए। विलंब से मजदूरी भुगतान होने की स्थिति में विभागीय आदेश के अनुरूप जवाबदेही निर्धारण करते हुए कार्रवाई की जाये।

पूर्व के आदेश के अनुरूप 5 लाख रुपये तक की नयी योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति संबंधित पंचायत कार्यकारी समिति द्वारा दी जाएगी। 5 से 10 लाख रुपये तक की योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा दी जाएगी।