रांची। वामदलों के एक शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर उन्हे संयुक्त रूप से ज्ञापन सौंपा। वामदलों ने सीएम से झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर तीन कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने का प्रस्ताव पारित किये जाने की मांग की। राज्य में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू किये जाने के लिए शीघ्र कदम उठाए जाने का आग्रह किया।
वामदलों ने सीएम को बताया कि पंचायत चुनाव कराए जाने के लिए राज्य की जनता ने सड़क से सुप्रीम कोर्ट तक संघर्ष किया है। इन संघर्षों के चलते ही राज्य की ग्रामीण जनता को पंचायती राज व्यवस्था का अधिकार मिला। इसलिए पंचायत चुनाव मे देर करना उचित नही होगा।
वामपंथी पार्टियों ने बीते दिनों राज्य में हुई मॉब लिचिंग की घटनाओं के आरोपी को कानून सम्मत सजा दिलाए जाने के लिए उनके खिलाफ दर्ज मामलों का फॉलोअप की जिम्मेवारी संबधित जिले के उपायुक्तों को दिए जाने की मांग की गई। मॉब लिचिंग के शिकार हुए परिवारों के कम से कम एक आश्रित को नौकरी दिए जाने के लिए पहल करने का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री से कोरोना महामारी मे राज्य के फ्रंट लाईन वर्कर जैसे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहिया आउटसोर्सिंग के तहत काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों और सफाई कर्मचारियों के मानदेय मे तत्काल बढ़ोत्तरी करते हुए उनकी सेवा को स्थायी किए जाने की दिशा में ठोस पहल किए जाने का आग्रह किया।
सीएम से मिलने से पहले वामदलों की बैठक हुई। में माकपा के गोपीकांत बक्शीस, प्रकाश विप्लव, सुरजीत सिन्हा, प्रफुल्ल लिंडा, भाकपा (माले) के जनार्दन प्रसाद, मिथलेश तिवारी, सीपीआई के महेंद्र पाठक, अजय सिंह, सुशील स्वतंत्र, एसयूसीआई (सी) के राबिन समाजपति, मासस के आनंद महतो, मिथलेश सिंह, हलधर महतो और फारवर्ड ब्लॉक के हीरा लाल शंखवार शामिल थे। बैठक की अध्यक्षता मासस के अध्यक्ष आनंद महतो ने की।
बैठक के बाद पांच वामदलों के नेता मुख्यमंत्री से उनके झारखंड मंत्रालय स्थित कार्यालय कक्ष में मिले। उन्हें 14 सूत्री मांग पत्र का स्मारपत्र सौंपा। मुख्यमंत्री के साथ वामदलों के नेताओं की लगभग एक घंटे तक वार्ता हुई। मुख्यमंत्री ने स्मारपत्र मे उठाए गए एक-एक विंदुओं पर चर्चा कर इसपर शीघ्र कदम उठाए जाने का आश्वासन दिया।