आंदोलन की राह अख्यियार कर सकते हैं जेएसएलपीएस कर्मी

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खूंटी। झारखंड के जेएसएलपीएस कर्मी अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन की राह अख्तियार कर सकते हैं। इसका संकेत कर्मियों ने 10 जनवरी को खूंटी में दे दिया है। खूंटी के शलेश्वरी भवन में जेएसएलपीएस के स्तर पांच से लेकर आठ तक कर्मियों की दो दिवसीय बैठक प्रारंभ हुई है। इसमें राज्य के सभी 24 जिलों के कर्मी हिस्सा ले रहे हैं। पहले दिन इस कार्यक्रम में बिहार के जीविका कर्मचारी वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप कुमार सिंह और हजारीबाग जिले की डीपीएम शांति मार्डी भी इन कर्मियों के समर्थन में इस बैठक में पहुंची। बैठक में जेएसएलपीएस कर्मी संगठन को मजबूत बनाने, अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने और जब ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हो जाय, कि सरकार मांगों पर यथोचित निर्णय ना ले, उस स्थिति में आंदोलन के रास्ते को इख्तियार करने पर चर्चा की गई।

क्या हैं समस्याऐं
स्तर सात और आठ के कर्मियों को नौ से बारह हजार रूपये, स्तर छह के कर्मियों को 15 हजार और स्तर पांच के कर्मियों को 22 से 40 हजार रूपये मानदेय दिया जाता है। इतने वर्षो के कार्यकाल में आज तक कोई इन्क्रिमेंट कर्मियों को नहीं दिया गया है। कर्मियों को अपने घर से तीन-चार सौ किमी दूर पोस्टिंग दी जाती है, जिसके कारण इतने कम वेतन में गुजर-बसर करना और भी मुश्किल हो जाता है। पूरा परिवार अस्त-व्यस्त हो जाता है। पिछले दिनों पदस्थापन स्थल से घर वापस लौटने के क्रम में एक कर्मी की दुर्घटना में मौत हो गई। स्थाईकरण नहीं किये जाने के कारण भविष्य अधर में लटक रहा है। आर्थिक मामलों में सभी कर्मियों का भविष्य असुरक्षित है। अतिरिक्त कामों के लिए दबाव दिया जाता है।

क्या हैं मांगे
सभी कर्मियों का स्थाईकरण किया जाय। वेतन वृद्धि के साथ हर वर्ष इंक्रिमेंट दी जाय। स्तर पांच से आठ तक के कर्मियों को गृह जिले में पदस्थापना दी जाय। अतिरिक्त कामों के लिए दबाव ना दी जाय। इसके साथ ही समान काम के लिए समान वेतन कर्मियों को दी जाय।

हुआ है संघ का गठन
कुछ महीने पहले ही जेएसएलपीएस कर्मियों ने झारखंड राज्य आजीविका कर्मचारी संघ का गठन किया है। जिसमें शिवकुमार सिंह को अध्यक्ष, सलामुद्दीन खान को उपाध्यक्ष, मो ताहिर अंसारी को सचिव, सुदीप गुप्ता को कोषाध्यक्ष, अशोक लाल गंझू को प्रदेश प्रवक्ता समेत सभी जिले के एक बीपीएम को नोडल बनाया गया है।
खूंटी में रविवार को शुरू हुए दो दिवसीय बैठक में एल-5 के स्टेट नोडल अमित लकड़ा, कुणालदेव बारला, दीपक कुमार सिंह, विपिन बिहारी, भाष्कर महापात्रा समेत सभी 24 जिलों के कर्मी उपस्थित हुए।

जेएसएलपीएस कर्मी पिछले आठ-नौ सालों से लोगों को आजीविका उपलब्ध कराने के लिए हाड़तोड़ मेहनत कर सरकार की सभी योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम करते हैं। लेकिन कर्मियों के लिए ही अब अपना जीविका चलाना मुश्किल हो गया है। कर्मियों का वेतन बढ़ाने के बजाय हर दिन नई योजनाओं लाकर काम का बोझ बढ़ा दिया जाता है। जिससे जीवन की गाड़ी ही बोझिल हो गई है। : शिवकुमार सिंह, अध्यक्ष, झारखंड राज्य आजीविका कर्मचारी संघ, झारखंड।

जेएसएलपीएस के कर्मियों की मांगें जायज है। इसी काम के लिए बिहार सरकार कर्मियों को काफी लाभ और सुविधाऐं उपलब्ध करा रही है। बिहार सरकार नियमतिकरण के लिए एक कदम आगे बढ़ा चुकी है। झारखंड सरकार इस मुद्दे पर विचार कर एक कदम आगे बढ़ी है, लेकिन सरकार को मजबूत कदम उठाने की जरूरत है। बिहार के कर्मियों को बेहतर इंक्रिमेंट मिल रहे हैं। वर्ष 2016 में एक साथ 29 प्रतिशत वेतन वृद्धि हुई थी। : प्रदीप कुमार सिंह, अध्यक्ष, जीविका कर्मचारी वेलफेयर एसोसिएशन, बिहार।

जेएसएलपीएस से जुडे कर्मियों ने संगठन बनाया है। इस बैठक में राज्य के सभी 24 जिलों के कर्मी आये हैं। हम इनके वेलफेयर की चिंता कर रहे हैं। कोशिश कर रहे हैं कि नये वित्तीय वर्ष में इनके वेलफेयर के लिए कुछ काम किये जा सकें। : शांति मार्डी, डीपीएम, हजारीबाग।