- इको टूरिज्म और धार्मिक टूरिज्म सर्किट के लिये होगा विकास
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर इको टूरिज्म फेस्टिवल के तहत इको रिट्रीट के आयोजन की योजना बन चुकी है। इसके लिए नेतरहाट, मसानजोर, डिमना लेक, पतरातू डैम जैसी जगहों का चयन किया गया है। इको रिट्रीट का मुख्य उद्देश्य झारखंड में पर्यटन के इकोसिस्टम की ब्रांडिंग करना है। इसके तहत इको रिट्रीट के पहले चरण में नेतरहाट में इको टूरिज्म शुरू करने की योजना है। साथ ही, राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार नयी पर्यटन नीति जल्द राज्य की जनता के समक्ष पेश करेगी।
इको रिट्रीट देगा अद्भुत आनंद
इको टूरिज्म फेस्टिवल में विभिन्न तरह के कार्यक्रम का आयोजन होगा। पर्यटक इको रिट्रीट के जरिये झारखंड के सुंदर पर्यटन स्थलों का आनंद लेंगे। इस क्रम में एडवेंचर स्पोर्ट्स, नेचुरल ट्रेल, साइकिलिंग, ऑफ रोड ड्राइविंग, लेक एडवेंचर स्पोर्ट्स, रोप क्लाइम्बिंग सहित पारंपरिक नृत्य/गीत आयोजित करने की योजना है। इको टूरिज्म सर्किट के तहत लातेहार-नेतरहाट-बेतला-चांडिल-दलमा-मिरचैया फॉल और गेतलसूद डैम को विकसित करने की योजना है। धार्मिक टूरिज्म सर्किट के मध्यम से कौलेश्श्वरी-इटखोरी-रजरप्पा-पारसनाथ के विकास पर कार्य होगा।
फूलों की घाटी पर्यटकों का मोहेगा मन
झारखंड आने वाले पर्यटकों को नेतरहाट के मैग्नोलिया पॉइंट और मसानजोर में फूलों की घाटी देखने का मौका जल्द प्राप्त होगा। इसके लिए फूलों की घाटी के निर्माण की योजना प्रस्तावित है। धुर्वा में ट्राइबल थीम पार्क, दुमका और रांची में ग्रामीण पर्यटन केंद्र, सरायकेला-खरसावां, साहेबगंज और दुमका में हस्तकरघा पर्यटन केंद्र, राजमहल-साहिबगंज-पुनाई चौक गंगा सर्किट का निर्माण कर राजमहल-भागिया-उधवा फॉसिल पार्क को जोड़ने की योजना, दुमका के बासुकीनाथ में वेसाइड एमेनिटीज, मसानजोर में अतिरिक्त टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स निर्माण, शिवगादी, साहेबगंज और मसानजोर में एडवेंचर टूरिज्म समेत अन्य योजनाएं प्रस्तावित है।
ग्रामीण संस्कृति से होंगे रूबरू
झारखंड की ग्रामीण संस्कृति से रूबरू कराने के लिये रूरल टूरिज्म को सरकार विकसित करेगी। चिन्हित गांव को पर्यटन से जोड़ने के लिये गांव को नया स्वरुप दिया जायेगा। नेतरहाट के आदिवासी बहुल सिरसी गांव में निर्मित मिट्टी के घरों को सांस्कृतिक टूरिज्म के तहत मॉडल गांव के रूप में विकसित करने की योजना है। सिरसी ग्राम से होमस्टे स्कीम की शुरुवात भी की जानी है, ताकि बाहर के पर्यटक हमारे राज्य की संस्कृति को नजदीक से देख एवं यहां के स्वादिष्ट व्यंजन का स्वाद ले सकें।
बढ़ावा देने की दिशा में कार्य
इसके अतिरिक्त धार्मिक टूरिज्म, सांस्कृतिक टूरिज्म, शिल्प और व्यंजन टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म, वीकेंड गेटवे, फिल्म टूरिज्म, मनोरंजक पार्क, कल्याण पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य हो रहा है। इस तरह वर्तमान सरकार झारखंड के पर्यटन को विश्वपटल पर लाने की ओर अग्रसर है। जहां सुंदर झरनों से लेकर हिल स्टेशन तक, आध्यत्मिक स्थलों से लेकर जलाशयों तक, घने जंगलों से लेकर वन्यजीव अभ्यारण्य तक पर्यटकों के स्वागत को आतुर हैं।