आनंद कुमार सोनी
लोहरदगा। चार नक्सली खुली जेल में रखे जाएंगे। इसकी अनुशंसा पुलिस अधीक्षक ने की है। इन सभी ने आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण नीति के तहत दी जाने वाले राशि का भी पूर्ण भुगतान कराये जाने के लिए कदम उठाने को कहा गया।
उपायुक्त दिलीप कुमार टोप्पो की अध्यक्षता में आत्मसमर्पण नीति के तहत आत्मसमर्पण कर चुके चार नक्सलियों को हजारीबाग स्थित खुला जेल स्थानांतरित के लिए पुलिस अधीक्षक से प्राप्त प्रस्ताव और उन्हें दिये जाने वाले लाभ को लेकर बैठक 9 जनवरी को हुई। इसमें चार नक्सलियों प्रकाश उरांव उर्फ दीपक उरांव उर्फ संदीप (टोटो थाना, भंडरा, लोहरदगा), बालक खेरवार उर्फ भगत (होन्हे थाना, पेशरार, लोहरदगा), मदन यादव उर्फ मदन गोप (रेहलदाग थाना, बिशुनपुर, गुमला) और रामजीत नगेशिया उर्फ रामू उर्फ बनेश्वर नगेशिया उर्फ बनिया (रोरद, पेशरार, लोहरदगा) को खुली जेल में स्थानांतरित किये जाने की अनुंशसा की गई। प्रकाश उरांव ने 31 मार्च 2018, बालक खेरवार ने 16 अगस्त 2017, मदन यादव ने 04 मई 2017 और रामजीत नगेशिया ने 16 अप्रैल 2020 में आत्मसमर्पण किया था।
मौके पर चारों नक्सलियों को आत्मसमर्पण नीति के तहत दी जाने वाले राशि का भी पूर्ण भुगतान किये जाने के लिए विशेष शाखा से समन्वय बना कर तत्काल भुगतान कराये जाने, बीमा के लिए बीमा निगम के द्वारा प्रीमियम राशि तय कराने, उनके आश्रितों की विस्तृत जानकारी प्राप्त किये जाने, आश्रित को उसकी योग्यता अनुसार पुलिस/होमगार्ड/सहायक पुलिस पदाधिकारी के रूप में नियुक्त किये जाने, आश्रित को उसकी इच्छानुसार बिजनेस करने के लिए राशि उपलब्ध कराने समेत अन्य निर्णय लिये गये। साथ ही आत्मसमर्पित नक्सलियों के विरूद्ध अंकित कांडों की समीक्षा करने के लिए तीन सदस्य समिति गठित करने का आदेश सामान्य शाखा प्रभारी को दिया गया। इस समिति में जिला के लोक अभियोजक, पुलिस उपाधीक्षक और एक कार्यपालक दंडाधिकारी होंगे।
बैठक में पुलिस अधीक्षक प्रियंका मीणा, उप विकास आयुक्त अखौरी शशांक सिन्हा, पुलिस उपाधीक्षक परमेश्वर प्रसाद, सामान्य शाखा प्रभारी नारायण राम, जिला उद्योग महाप्रबंधक नीलम केरकेट्टा,कारा अधीक्षक देवेंद्र कुमार समेत अन्य उपस्थित थे।