चादरपोशी के लिए घंटों इंतजार करते हैं भक्त

झारखंड धर्म/अध्यात्म
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  • कौमी एकता का प्रतीक है खरगडीहा का लंगटा बाबा समाधि

योगेश कुमार पांडेय

गिरि‍डीह। जिले के खरगडीहा का लंगटा बाबा समाधि कौमी एकता का प्रतीक है। समाधि पर चादरपोशी के लिए भक्तह घंटों इंतजार करते हैं। यहां लोग अहले सुबह से ही पहुंचने लगाते हैं। गुरुवार को ऐसा ही दृश्य देखने को मिला।

तड़के चार बजे से ही परंपरा का निर्वाहन करते हुए जमुआ थाना प्रभारी प्रदीप कुमार दास ने पहली चादरपोशी की गई। इसके साथ ही देर रात तक समाधि पर चादरपोशी होती रही। ठंड बढ़ जाने के बावजूद भक्त अपनी बारी का इंतजार करते रहे। कोरोना को लेकर इस बार कुछ कम भीड़ जुटी। भक्तों की सुविधा के लिए समाधि स्थल से एक किलोमीटर पहले ही जमुआ-देवघर मुख्य पथ पर दोनों ओर से बैरीकेडिंग लगाकर वाहनों का आवागमन बंद कर दिया गया था।

जमुआ थाना प्रभारी प्रदीप कुमार दास के बाद सीजीएम गिरिडीह, जमुआ विधायक केदार हाजरा, कोडरमा के पूर्व सांसद तिलकधारी प्रसाद सिंह, रविंद्र राय, एसडीपीओ संतोष कुमार मिश्रा, एसडीओ धीरेंद्र प्रसाद सिंह, जमुआ बीडीओ विनोद कुमार कर्मकार, सीओ राम बालक कुमार, जमुआ पुलिस इंस्पेक्टर विनय कुमार राम के अलावा जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक पदाधिकारियों ने चादर पोशी की। महिला एवं पुरुष भक्तों के लिए अलग-अलग प्रवेश व निकासी की व्यवस्था की गई थी। इसका कमान एसडीएम धीरेंद्र प्रसाद सिंह और एसडीपीओ संतोष मिश्रा संभाल रहे थे।

लंगटा बाबा में चादरपोशी करने आए भक्तों के लिए जलीय सूर्य मंदिर, लंगटा बाबा महाविद्यालय मिर्जागंज, पोबी में नि:शुल्क लंगर की व्यवस्था की गई थी। जलीय सूर्य मंदिर समिति के लोगों ने सामूहिक प्रयास से भक्तों के लिए देसी घी से बना हलवा, पूड़ी, सब्जी, खि‍चड़ी का वितरण किया।

समाधि दिवस पर लगे मेले के दो दिन पूर्व से ही यहां दूर दराज के संत, साधु, फकीरों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था। सुरक्षा का व्याेपक इंतजाम किया गया था। प्रशासन द्वारा सीसीटीवी कैमरे, नियंत्रण कक्ष, उद्घोषणा, मुफ्त चिकित्सा की व्यवस्था की गई थी। इससे श्रद्धालुओं को कोई परेशानी नही हुई।