– सीबीएसई ने स्कूलों की संबद्धता प्रक्रिया को किया ऑनलाइन
– सीबीएसई का होगा डिजिटलीकरण, 10 लाख शिक्षक होंगे प्रशिक्षत
नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) आगामी 2 फरवरी को 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाओं का कार्यक्रम (समय-सारणी) घोषित करेगा। बोर्ड की परीक्षाएं 4 मई से शुरू होकर 10 जून चलेंगी। बोर्ड 15 जुलाई तक नतीजे घोषित कर देगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक गुरुवार को यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शैक्षणिक सत्र 2021-22 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के अनुरूप सीबीएसई पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने वाले परिवर्तनों पर चर्चा करने के लिए स्कूल प्रमुखों के साथ बातचीत कर रहे थे। पोखरियाल ने आज सीबीएसई सहोदय स्कूल परिसरों के अध्यक्षों और सचिवों के साथ बातचीत की। कार्यक्रम में एक हजार से अधिक सीबीएसई स्कूल प्रमुखों और 22 हजार सीबीएसई स्कूल जुड़े।
सीबीएसई ने स्कूलों की संबद्धता प्रक्रिया को किया ऑनलाइन
संबद्धता को लेकर स्कूलों के समक्ष ओन वाली कठिनाई का उल्लेख करते हुए निशंक ने कहा कि वह इस बात से अवगत हैं। ऐसे में उनकी सुविधा के लिए सीबीएसई बोर्ड ने अब इसे ऑनलाइन करने का निर्णय किया है। मानदंडों के आधार पर इसकी समीक्षा कर संबद्धता की प्रक्रिया को पूरा करेगा।
सीबीएसई ने सर्टिफिकेट को डिजिटलीकरण से जोड़ा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 45 वर्ष पुराने सीबीएसई बोर्ड ने देश ही नहीं दुनिया में ख्याति अर्जित करने के साथ ही अपने रिकॉर्ड को डिजिटल करने का निर्णय किया है। 1975 में पढ़ाई करने वालों को भी अब अपने सर्टिफिकेट आसानी से उपलब्ध हो सकेंगे।
10 लाख शिक्षकों को प्रशिक्षत करेगा सीबीएसई बोर्ड
उन्होंने कहा कि सीबीएसई एनईपी के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आने वाले वर्षों में 10 लाख शिक्षकों को प्रशिक्षत करेगी। पोखरियाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति को नए भारत के उदय के रूप में देश और दुनिया ने स्वीकार किया है। पूरी दुनिया में इस नीति को लेकर उत्सुकता है। कैम्ब्रिज सहित तमाम विश्वविद्यालयों ने इसे शिक्षा क्षेत्र में बड़े सुधार के रूप में देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस नीति को व्यापक परामर्श के बाद लागू किया गया है। नवाचार का अपने आप में यह दुनिया का अद्भुत उदाहरण है। गांव से संसद तक इतना व्यापक विचार विमर्श शायद ही किसी नीति पर हुआ हो। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति भारत केंद्रित है। नीति क्रियान्वयन में स्कूल प्रमुखों के सहयोग का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि सीबीएसई बोर्ड से जुड़े सहोदय विद्यालय इसमें अहम भूमिका निभाएंगे।
कोविड काल में सीबीएसई द्वारा 10वीं और 12वीं की शेष परीक्षाओं को कराने के लिए बोर्ड की सराहना करते हुए पोखरियाल ने कहा कि बोर्ड ने छात्रों की डिग्री पर कोरोना का ठप्पा नहीं लगने दिया। इसी प्रकार जेईई और नीट की परीक्षाएं भी आयोजित की गईं। उन्होंने इसे पूरी दुनिया के लिए सीख करार दिया।
उल्लेखनीय है कि शैक्षणिक सत्र 2020-21 का 10वीं और 12वीं कक्षा की एक मार्च से प्रायोगिक परीक्षा (प्रेक्टिकल) शुरू होंगी जबकि सामान्य दिनों में 1 से 15 जनवरी के बीच विद्यार्थियों के प्रेक्टिकल होते हैं। इसके बाद 15 फरवरी से मार्च मध्य तक बोर्ड परीक्षाएं होती हैं लेकिन कोरोना के मद्देनजर मौजूदा परिवेश में सरकार ने निर्णय लिया है कि 4 मई से 10 जून के बीच सीबीएसई परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। इसके बाद 15 जुलाई तक संभवत: परिणाम घोषित कर दिया जाएगा।