Big News : झारखंड में अभी तक बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं

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  • कच्‍चा मांस और अंडा खाने से परहेज करें लोग : निदेशक

रांची। बर्ड फ्लू एक विषाणु जनित पक्षियों में फैलने वाला रोग है। जलीय/प्रवासी पक्षियों से इस रोग का संकमण पालतू पक्षियों में होता है। प्रायः सर्दी के मौसम में इस रोग का संक्रमण देखा गया है। बर्ड फ्लू की आशंका को देखते हुए लोग कच्‍चा मांस और अंडा के सेवन से परहेज करें। हालांकि झारखंड में अभी तक बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है। उक्‍त बातें रांची स्थित पशु स्‍वास्‍थ्‍य एवं उत्‍पादन संस्‍थान के निदेशक डॉ बिपिन बिहारी मेहता ने 12 जनवरी को प्रेस से कही।

डॉ मेहता ने कहा कि विगत कुछ दिनों से देश और राज्य के कई भागों से पक्षियों के मरने की सूचना मिल रही है। जंगली पक्षियों (कौओं, मैनों, कबूतरों आदि) में संक्रमण की पुष्टि इस राज्य में अभी तक नहीं हुई है। कुक्कुट, बत्तख जैसे पालतू पक्षियों के मृत्यु की सूचना अभी तक झारखंड में नहीं है।

निदेशक ने कहा कि प्रायः देखा जाता है कि जहां-तहां कौआ, मैना, कबूतर आदि के मृत पाए जाने पर जनसामान्य भय व्‍याप्‍त हो जा रहा है। इससे भयभीत होने की जरुरत नहीं है, बल्कि सावधानी बरतने की आवश्यकता है। ऐसी परिस्थिति आने पर मृत पक्षियों को नहीं छुए। निकटतम पशुचिकित्सक अथवा जिले एवं राज्य स्तर पर जारी हेल्पलाईन नंबर 9835152390 पर इसकी सूचना अविलंब दें।

डॉ मेहता ने कहा कि पशुपालन विभाग इस रोग पर पूरी सतर्कता बरत रहा है। कहीं भी मृत पक्षियों की सूचना प्राप्त होने पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है। मृत एवं संदिग्ध जीवित पक्षियों से नमूने लिए जा रहे हैं। इन नमूनों को केंद्र सरकार द्वारा चिन्हित प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। जांच के क्रम में अगर कोई नमूना Positive पाया जाता है, तो इसकी अधिसूचना सर्वप्रथम केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी। तत्पश्चात संबंधित अधिसूचना राज्य सरकार/पशुपालन विभाग द्वारा जारी की जाएगी।

निदेशक ने आम लोगों से अनुरोध किया वे अफवाहों का हिस्सा नहीं बनें। सतर्क रहें। विभाग को सहयोग करें। पशुपालन विभाग इस रोग पर नियंत्रण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने बताया कि अभी तक बर्ड फ्लू से किसी मानव की मृत्‍यु होने का कोई मामला पूरे देश में नहीं आया है। मौके पर डॉ राजीव रंजन, डॉ आलोक कुमार सिंह, डॉ संजय कुमार चथैया, डॉ कुलदीप तिर्की भी मौजूद थे।