
रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को विवि मुख्यालय के समक्ष धरना दिया। इस अवसर पर झारखंड कर्मचारी मजदूर मोर्चा के अध्यक्ष मुस्ताक आलम ने कहा कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के प्रति विश्वविद्यालय प्रशासन का रवैये अत्यंत उदासीन है। मजदूरों से संबंधित फाइल महीनों तक लटकी रहती है। इससे मजदूरों में काफी असंतोष व्याप्त है। वे चरणबद्ध आंदोलन करने को बाध्य है। इसके तहत 18 जनवरी को एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया गया। इसके माध्यम से कुलपति के नाम मांग पत्र सौंपा।
कार्यक्रम में झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष सह मजदूर मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष मुस्ताक आलम, समनुर मनसुरी, संजय राय, वसीम खान, संजर आलम, सुधीर कुमार, ईरशाद आलम, सरफराज अहमद, मालती देवी, सुकरो लिंडा, जलेश्वर महतो, देवनंद, उमेश यादव आदि मौजूद थे।
ये है मांगे
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में झारखंड सरकार की अधिसूचना के आधार पर विवि में लगातार 10 वर्षो से कार्यरत दैनिक मजदूरों को नियमित किया जाए।
विज्ञापन संख्या बीएयू (वीसी) 01/2019 रांची के अधीन विभिन्न चतुर्थवर्गीय पदों पर नियमित नियुक्ति पैनल को दोबारा खोला जाए। कार्यरत श्रमिकों को वरीयता के आधार पर नियुक्त किया जाए।
विश्वविद्यालय के आदेश के आधार पर दैनिक मजदूरों का वेतन निर्धारित किया जा चुका है। उसके आधार पर मुगतान किया जाए।
विश्वविद्यालय के आदेश के आलोक में दैनिक मजदूरों को अनुकंपा के आधार पर मजदूरों के आश्रितों को लगातार कार्य पर रखा जाए।
विवि में कार्यरत किसी मजदूर कार्य को करने में असमर्थ होने पर उसके बदले उनके आश्रित को कार्य पर रखा जाए।
झारखंड सरकार द्वारा बढ़ाया गया नया वेतनमान लागू किया जाए।