जमशेदपुर। टाटा स्टील ने जमशेदपुर में एक्सएलआरआई मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट से सटे मरीन ड्राइव (वेस्टर्न कॉरीडोर) पर एक पिकनिक क्षेत्र दलमा व्यू प्वाइंट का निर्माण किया है। 5 एकड़ क्षेत्र में फैले दलमा व्यू प्वाइंट जमशेदपुर स्टील वर्क्स और इसके आसपास की हरियाली को बेहतर बनाने के लिए टाटा स्टील की रणनीतिक प्रतिबद्धता है।
दलमा व्यू प्वाइंट का उद्घाटन 27 दिसंबर को कंपनी के वाईस प्रेसीईंट (कॉर्पोरेट सर्विसेज) चाणक्य चौधरी ने टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष आर रवि प्रसाद के साथ किया। इस मौके पर श्री चौधरी ने कहा कि यह टाटा स्टील की सस्टेनेबिलिटी के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराने के लिए एक अन्य पहल है। यह स्वच्छ एवं हरित वातावरण ना केवल क्षेत्र की संदरता को बढ़ा रहा है, बल्कि जैव विविधता के संरक्षण और सस्टेनेबल डेवलपमेंट में भी मदद कर रहा है।
श्री प्रसाद ने म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट इंप को हरे-भरे पिकनिक क्षेत्र में बदलने के लिए कॉरपोरेट सर्विसेज टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने और प्रकृति का आनंद लेने के लिए एक अच्छा साइट है।
पहले यह स्थल म्यूनीसिपल सॉलिड वेस्ट (एमएसडब्ल्यू) लैंडफिल क्षेत्र था। इसमें कुछ झाड़ियां उग गई थी। इस डंप में मिट्टी डाल कर ढलान को समतल क्या गया, ताकि कटाव को रोका जा सके। इसके बाद इसमें विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए गए। इस प्रकार मौजूदा डंप की ग्रीन पार्क में बदल दिया गया।
पहले दूषित डंप साइट से वायु और जल प्रदूषण के कारण आसपास के क्षेत्र प्रभावित हो रहे थे। यहां खर-पतवार और झाड़ियों की तेजी से हो रही वृद्धि से यह स्थल जीवों और विभिन्न प्रकार के जहरीले सांपों का घर बन गया था। स्थानीय और प्रवासी पक्षियों ने इस क्षेत्र में आना बंद कर दिया था। हुप के ढलानों को पौधे की प्रजाति वडालिया ट्राईलोबाटा लगा कर स्थिर किया गया। इस पौधे की जई व्यापक और मजबूत होती है, जिससे मिट्टी को स्थिरता मिलती है। ये पौधे तितलियों की विभिन्न प्रजातियों को आकर्षित करने में मदद करते हैं। डंप के आसपास के क्षेत्र को ग्रीन जोन में बदल दिया गया है। इसमें पौधारोपण क्षेत्र, घास के लॉन और पिकनिक क्षेत्र शामिल हैं। पिकनिक क्षेत्र में लगे विभिन्न प्रकृति और महत्व के पेड़-पौधे और झाड़िया तितली, पक्षी और कीटों की विभिन्न प्रजातियों को आकर्षित कर रहा है।
बहते पानी का उपयोग करने और सुंदरता को बढ़ाने के लिए पिकनिक क्षेत्र के अंदर एक तालाब विकसित किया गया है। पानी के ऑक्सीजन स्तर को बनाए रखने और इसकी गुणवत्ता में निरंतर सुधार करने के लिए यह तालाब एक फव्वारे से सुसज्जित है।
इस क्षेत्र में इंडियन चेरी जैसे फूलों और फलों के पेड़ हैं, जो ना केवल क्षेत्र के सौंदर्य के दृष्टिकोण को समृद्ध करते हैं, बल्कि पक्षियों को आकर्षित करने में भी मदद करते हैं। यहां निर्मित ऊचे टीले के शीर्ष से लोग स्वर्णरेखा नदी और दलमा पहाड़ियों के एक विहंगम दृश्य का अवलोकन कर सकते हैं।
1000 से अधिक पौधों के रोपण, 28000 क्रीपर पौधे, 5000 झाड़ियां और 13000 मीटर वर्ग के घास ने क्षेत्र में ग्रीन कैनोपी को बढ़ाया है। पक्षी और तितलियां अब पानी और पौधों की ओर आकर्षित होती है, जिससे क्षेत्र में जैक विविधता में वृद्धि हुई है।