रांची मेयर ने निगम के सहायक नगर आयुक्‍त को किया शो कॉज

झारखंड
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  • संविदा पर कार्यरत कर्मियों को सेवा विस्‍तार देने की अनुशंसा का मामला

रांची । संविदा पर कार्यरत कर्मियों को सेवा विस्तार देने की अनुशंसा करने के मामले में रांची मेयर आशा लकड़ा ने सहायक नगर आयुक्त ज्योति कुमार सिंह को शो-कॉज किया है। मेयर ने इस मामले में सहायक नगर आयुक्त से तीन दिनों के अंदर विस्तृत जवाब मांगा है। निर्धारित समयावधि के अंदर जवाब नहीं दिए जाने पर उनपर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

मेयर ने सहायक नगर आयुक्त से पूछा है कि झारखंड नगरपालिका अधिनियम-2011 में किए गए प्रावधानों के तहत राज्य सरकार द्वारा संविदा पर प्रतिनियुक्त कर्मियों के सेवा विस्तार से संबंधित प्रस्ताव नगर निगम परिषद की बैठक में क्यों नहीं लाया गया। किस आधार पर यह तर्क देते हुए फाइल बढ़ाया कि नगर विकास विभाग से जिन कर्मियों की संविदा पर नियुक्ति की गई है, उन कर्मियों के सेवा विस्तार का अधिकार भी नगर विकास विभाग को ही है।

मेयर ने बताया कि 1 दिसंबर 2020 को नगर आयुक्त से पत्राचार कर 4 सहायक अभियंताओं की नियुक्ति से संबंधित फाइल की मांग की गई थी। संबंधित फाइल देखने के बाद यह जानकारी मिली कि इन सहायक अभियंताओं की सेवा विस्तार से संबंधित अनुशंसा रांची नगर निगम परिषद से स्वीकृति लिए बिना की गई है, जो झारखंड नगरपालिका अधिनियम की धारा-55(4) का उल्लंघन है।

मेयर ने सहायक नगर आयुक्त को जारी किए गए शो-कॉज में यह भी लिखा है कि आपने सहायक अभियंताओं की सेवा विस्तार से संबंधित जानकारी से नगर निगम परिषद के अध्यक्ष और सदस्यों को गुमराह कर 9 जून, 2020 को उनके वेतन भुगतान से संबंधित प्रस्ताव पारित कराया है। लिहाजा सहायक अभियंताओं के वेतन भुगतान से संबंथित पारित प्रस्ताव पर रोक क्यों नहीं लगाई जाए। पूछा है कि राज्य सरकार के माध्यम से संविदा पर नियुक्त किए गए सहायक अभियंता, कनीय अभियंता, सिटी मैनेजर व अन्य किसी पद पर नियुक्त किए गए कर्मियों की सेवा विस्तार से संबंधित अनुशंसा झारखंड नगरपालिका अधिनियम-2011 में किए गए प्रावधानों के तहत करना है।

मेयर ने सहायक नगर आयुक्त को लिखे गए पत्र में यह भी कहा है कि आप स्वयं  विधि शाखा के प्रभारी हैं, फिर भी आपने कानूनी परामर्श लिए बिना स्वतः यह निर्णय कैसे ले लिया। पूर्व में भी बाजार शाखा से संबंधित फाइल किसी खास एजेंसी को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से झारखंड नगरपालिका अधिनियम की अनदेखी कर कार्य किया था। इसके कारण रांची नगर निगम को करोड़ों रुपये के राजस्व की क्षति हुई थी। इस मामले को लेकर आपको पूर्व में भी शो-कॉज किया गया था। शो-कॉज का संतोषजनक जवाब नहीं दिया था। ऐसे में प्रश्न उठता है कि आपके प्रभार में शामिल विभागों (ट्रांसपोर्ट शाखा, विधि शाखा, लेखा शाखा, विद्युत शाखा, स्थापना शाखा, भू-संपदा शाखा व भुगतान) से संबंधित मामलों की समीक्षा कर जांच क्यों नहीं की जाए।