- ग्रामीणों ने श्रमदान कर बनाया चार बोरी बांध, 30 एकड़ में होगी सिंचाई
खूंटी। जनशक्ति से जलशक्ति अभियान के तहत मुरहू प्रखंड की हांसा पंचायत अंतर्गत गजगांव और गोड़ाटोली पंचायत के डोंडाडीह गांवों में चार बोरी बांधों का निर्माण किया गया। सभी बोरा बांधों का निर्माण आदिवासियों की परंपरा मदईत (श्रमदान) के तहत किये गए। इसमें लगभग 150 लोगों ने श्रमदान किया। इन बांधों के बनने के बाद किसान अब दोहरे फसल का लाभ ले सकेंगे। पानी के भंडारण से आसपास की 30 एकड़ से ज्यादा भूमि की सिंचाई हो सकेगी।
इन गांवों को होगा लाभ
गजगांव में बने बोरीबांधों से गजगांव, मुरहू बस्ती, चमराटोली के लोगों और डोंडाडीह के बांधों से डोंडाडीह और कटहलटोली के ग्रामीणों को लाभ होगा।
मुखिया ने भी किया श्रमदान
हांसा पंचायत के मुखिया विलशन पूर्ति, कृषक मित्र इलिसिबा पूर्ति, इजीनियरिंग के छात्र सुखदेव मुंडा ने भी बोरीबांध के निर्माण में श्रमदान किया। मुखिया ने कहा कि बोरीबांध बनने के बाद अब यहां के किसान अपने खेतों में दो फसल उगा पाऐंगे। इससे किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि बरसात के बाद यहां के खेत सिंचाई सुविधा के अभाव में बंजर रह जाते थे। अब हरे-भरे होंगें। डाड़ी, चुंआ और डोभा पुनर्जीवित होंगे। चापानल नहीं सुखेंगे। उन्होंने इस कार्य के लिए सेवा वेलफेयर सोसाईटी और जिला प्रशासन की खूब प्रशंसा की।
किसानों को योजनाओं का लाभ दे
डोंडाडीह निवासी इंजीनियरिंग के छात्र और पूर्व मनरेगा मेट सहदेव मुंडा ने कहा कि बोरीबांध बनने के बाद जिला प्रशासन को किसानों तक सरकार की कृषि योजनाओं का लाभ पहुंचाना चाहिए। उत्पादों के लिए बाजार मुहैया कराना चाहिए। उन्होंने इस बात को लेकर अफसोस जताया कि उनके गांव में किसानों ने एक ट्रक सकरकंद उपजाया है, लेकिन उसे बाजार नहीं मिल रहा है।
मदईत परंपरा को जीवित किया
गजगांव और डोंडाडीह के ग्रामीणों ने मदईत परंपरा को पुनर्जीवित किया है। ईलि, डियांग या हंड़िया आदिवासियों के पूजा-पाठ और परंपराओं का अभिन्न अंग है। मदईत पंरपंरा के तहत ग्रामीणों ने सामूहिक रूप अपने गांव में ईलि यानी हंड़िया तैयार किया। बोरीबांध निर्माण सथल पर ही भोजन पकाया गया। बोलचाल की भाषा में यह पूरे गांव का सामूहिक पिकनिक था। बोरीबांध बनने के बाद सबने सामूहिक रूप से भोजन किया। परंपरा के अनुसार ईलि पीया।
श्रमदान करने वालों का नाम
गजगांव के मुखिया विलशन पूर्ति, कृषक मित्र इलिसिबा पूर्ति, संतोष पूर्ति, प्रभु सहाय पूर्ति, अंथोनी पूर्ति, सुलेमान पूर्ति, मंगरा पूर्ति, संतोष पूर्ति, समसोन पूर्ति, तयोफिल पूर्ति, आदित्य पूर्ति, महाबीर पूर्ति, मसीह चरण हेरेंज, जोटो पूर्ति, करमी रेखा पूर्ति, भरोसी पूर्ति, नागी पूर्ति आदि। डोंडाडीह के सहदेव मुंडू, बिरजू मुंडू, ग्रामप्रधान डोगे मुंडू, कोंता मुंडू, गोपाल मुंडू, जोतराम मुंडू, किशन मुंडा, रूतरानी ढ़ोढ़राय, करूणा मुंडू, नौरी टुटी, प्रती टुटी, पुष्पा कुमारी समेत अन्य ग्रामीण।