सार्वजनिक स्थानों और सरकारी कार्यालय परिसर में तंबाकू सेवन करने वाले होंगे दंडित
जमशेदपुर। झारखंड का जमशेदपुर शहर धूम्रपान मुक्त हो गया है। इस श्रेणी में आने वाला यह झारखंड का 5वां शहर है। अब पूर्वी सिंहभूम जिला को तंबाकू मुक्त जिला बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके मद्देनजर सार्वजनिक स्थानों और सरकारी कार्यालय परिसर में तंबाकू सेवन करने वालों को दंडित करने का निर्णय लिया गया है।
जिला सभागार उपायुक्त की अध्यक्षता में आयोजित जिला तंबाकू नियंत्रण समन्वयक समिति की बैठक में जमशेदपुर को झारखंड का 5वां धूम्रपान मुक्त शहर घोषित किया गया। मौके पर जिले के सभी वरीय पदाधिकारियों ने धूम्रपान मुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किये। उपायुक्त ने संपूर्ण जिले को धूम्रपान/तंबाकू मुक्त बनाए रखने की अपील की। उपायुक्त ने कहा कि जमशेदपुर को धूम्रपान मुक्त शहर घोषित करते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है। यह सभी के सहयोग से संभव हुआ है।
तंबाकू नियंत्रण के लिए राज्य सरकार की तकनीकी सहयोगी संस्था सोशियो इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाईटी (सीड्स) के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा ने बताया कि तंबाकू नियंत्रण के पालन की स्थिति जानने के लिए राज्य स्वास्थ्य मिशन के द्वारा समय-समय पर स्वतंत्र एजेंसी से सर्वेक्षण कराया जाता है। पालन की बेहतर स्थिति के अनुसार जिलों को धूम्रपान मुक्त घोषित किया जाता है।
राज्य के 4 जिलों यथा रांची, बोकारो, सरायकेला और खूंटी को धूम्रपान मुक्त जिला घोषित किया जा चुका है। इसी क्रम में उपायुक्त द्वारा जमशेदपुर को राज्य के पांचवे शहर के रूप में धूम्रपान मुक्त घोषित किया गया। इस साल की शुरुआत में राज्य स्वास्थ्य मिशन और सीड्स के द्वारा राज्य के 9 जिलों में तंबाकू नियंत्रण अधिनियम (कोटपा 2003) के पालन का एक स्वतंत्र एजेंसी से सर्वेक्षण कराया गया था। उक्त अनुपालन सर्वेक्षण में धूम्रपान मुक्त के तय मानकों के आधार पर जमशेदपुर सहित राज्य के 5 शहरों को धूम्रपान मुक्त जिला घोषित करने निर्णय किया गया। जमशेदपुर में कोटपा की धारा 4 का पालन 91.3% पाया गया है।
उपायुक्त ने समस्त शहरवासियों से अपील करते हुए कहा कि धूम्रपान मुक्त शहर के बाद अब हमलोगों को अपने जिले को तंबाकू मुक्त जिला बनाने की मुहिम शुरू करनी है, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियों को इसके दुष्प्रभावों से बचाया जा सके। उपायुक्त ने बताया कि जमशेदपुर को स्मोक फ्री जिला बनाने का अभियान 2014 से ही चलाया जा रहा है। आज लगभग 6 साल के बाद शहर को धूम्रपान मुक्त होने का गौरव प्राप्त हुआ है। इस मुहिम में सहयोगी संस्था सीड्स का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
उपायुक्ती ने कहा कि तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को अभियान के रूप में चलाए जाने के काफी अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं। सार्वजनिक स्थलों यथा सिनेमा हॉल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, सार्वजनिक सड़क, शिक्षण संस्थानों, सरकारी कार्यालयों सहित अन्य सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करना एक दंडनीय अपराध है। उपायुक्त ने तंबाकू नियंत्रण हेतु जिले में गठित त्रिस्तरीय छापामार दस्ते के सभी सदस्यों को शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के अंदर स्थित सभी तंबाकू उत्पाद बेचने वाले दुकानदारों को हटाते हुए नियमित रूप से छापामारी करने का निर्देश दिया। इस अभियान को सफल बनाने के लिए और अधिक प्रयास करनी होगी। समाज के आम लोगों के बीच जाकर तंबाकू के सेवन के दुष्प्रभावों से अवगत कराते हुए इसपर पूर्ण नियंत्रण लगाने के लिए कार्य करने होंगे। लोगों को तंबाकू का सेवन नहीं करने के लिए प्रेरित एवं जागरूक करना होगा।
वरीय पुलिस अधीक्षक डॉ एम तमिल वणन ने जिलावासियो से अपील की कि तंबाकू से तैयार होने वाले सभी पदार्थों यथा बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, खैनी, हुक्का इत्यादि को छोड़े, क्योंकि इनके द्वारा अनेक बीमारियां होती हैं। आप सभी के सहयोग से जमशेदपुर धूम्रपान मुक्त घोषित हुआ है। अब प्रयास होगा कि जिला को तंबाकू मुक्त जिला बनाने के लिए हम सब मिलकर प्रयास करेंगे। हमें आशा है कि इस अभियान में हम अवश्य सफल होंगे।