योगेश कुमार पांडेय
गिरिडीह । किसानों और विभिन्न विपक्षी दलों के आह्वान पर मंगलवार को जमुआ में भारत बंद शांतिपूर्ण रहा। जमुआ चौक पर मंगलवार अहले सुबह से ही झामुमो, कांग्रेस, माले, राजद, भारत ज्ञान विज्ञान समिति सहित अन्य राजनीतिक दल और संगठनों के दर्जनों नेता, कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था। केंद्र सरकार के नये कृषि बिल के खिलाफ लोगों ने सड़क पर हीं बैठकर जमुआ-कोडरमा, जमुआ-देवघर, जमुआ-गिरिडीह और जमुआ द्वारपरहरी मार्ग को सुबह से ही जाम कर दिया।
जाम में कांग्रेस नेत्री मंजू कुमारी, उप प्रमुख कांग्रेस नेता चंद्रशेखर राय, माले की मीना दास, असगर अली, अशोक पासवान, झामुमो प्रखंड सचिव रंजीत कुमार, पूर्व प्रखंड प्रमुख झामुमो नेत्री सोनी चौरसिया, कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष महशर इमाम, चुंगलो मुखिया झामुमो नेता दिनेश मंडल, जाहिद अंसारी, ओमप्रकाश माहतो, कासिम अंसारी, सचिदानंद सिंह, लक्ष्मी साव, राजद के त्रिभुवन यादव, इनामुल हक, असगर अली, मो असरार,जुनैद आलम, मो आलम, मो राजा, रोहित दास, वहाब अली सहित अन्य अन्य संगठनों के लोग शामिल हुए। जमुआ प्रशासन की पहल पर करीब 12 बजे जाम को समाप्त किया गया।
जमुआ बीडीओ बिनोद कुमार कर्मकार, सीओ रामबालक कुमार, पुलिस इंस्पेक्टर विनय राम, जमुआ थाना प्रभारी प्रदीप कुमार दास ने सड़क पर बैठे नेताओं से आग्रह कर जाम को हटाया। इस बीच लोग केंद्र सरकार और नये कृषि बिल के खिलाफ और किसानों के पक्ष में जमकर नारे लगाते रहे। सोनी चौरसिया सहित अन्य नेताओं ने कहा कि यह लड़ाई हमारे अन्नदाताओं और कॉरपोरेट घरानों के बीच है। केंद्र की सरकार इस लड़ाई में कॉरपोरेट घरानों के एजेंट के रूप में कार्य कर रहे हैं। हम अपने अन्नदाताओं के साथ खड़े हैं। केंद्र सरकार को किसान, कामगार, नौजवानों की फिक्र नहीं है। उन्हें सिर्फ अपने कॉरपोरेट मित्रों की फिक्र है।