नई दिल्ली। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि भारत 2 साल में टोलबूथ मुक्त होगा। एसोचैम फाउंडेशन वीक में बोलते हुए, मंत्री ने यह भी कहा कि आगामी टोल संग्रह जीपीएस (वैश्विक पोजिशनिंग सिस्टम) आधारित होगा।
सरकार ने नए टोल संग्रह प्रणाली को अंतिम रूप दे दिया है और इसे रूसी सरकार के सहयोग से लागू किया जाएगा। देश भर में वाहनों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए, आगामी टोल संग्रह प्रणाली सीधे लिंक किए गए बैंक खाते से पैसे काट लेगी।
जबकि हाल ही में यात्री और कमर्शियल वाहन जीपीएस के साथ आते हैं, सरकार को पुराने वाहनों में भी जीपीएस सिस्टम स्थापित करने का एक तरीका मिलेगा। यह कदम सरकार द्वारा फैस्टैग प्रणाली को बढ़वा देने के बाद आया है जो अब अनिवार्य है और इसका उद्देश्य टोल बूथों पर भीड़ को कम करना और लंबी यात्रा करना है।
मंत्री के अनुसार, भारतीय राष्ट्रीय प्राधिकरण (NHAI) GPS आधारित टोल प्रणाली केआने के बाद 5 वर्षों में 1.34 ट्रिलियन रुपये का राजस्व आकर्षित कर सकता है। वर्चुअल कांफ्रेंस के दौरान नितिन गडकरी ने कहा “हमने रूसी सरकार की मदद से जीपीएस-आधारित टोल संग्रह प्रणाली की अच्छी तरह से जांच और अंतिम रूप दिया है। और 2 साल के भीतर, भारत टोल बूथ-मुक्त होगा। जीपीएस प्रणाली का उपयोग वाहनों को ट्रैक करने के लिए किया जाएगा और देय राशि संबंधित बैंक खातों से काट ली जाएगी।”