पुलिस प्रशासन की लापरवाही से हुई सामूहिक दुष्‍कर्म की घटना : भाजपा

झारखंड
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खूंटी । जिले में गत सोमवार की रात एक नाबालिग आदिवासी बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई थी। इसकी जांच करने भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश स्तरीय टीम शुक्रवार को खूंटी पहुंची। टीम पीड़िता से मिलने उसके घर पहुंची, लेकिन घर पहुंचने पर पता चला कि उसे कर्रा थाना लाया गया है। परिजनों ने बताया कि घटना 30 नवंबर, 2020 की है। पीड़ि‍ता अपनी सहेलियों के साथ मेला देख कर घर लौट रही थी। लौटने के क्रम में  रास्ते में पांच युवकों ने उसे अगवा कर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया। 

परिजनों ने कहा कि सोमवार रात से लेकर बुधवार शाम तक बच्ची थाना में रही। बुधवार की रात को उसे घर पहुंचाया गया। उसके बाद जांच टीम कर्रा थाना पहुंची। थाना पहुंचने पर पता चला कि बच्ची को मेडिकल कराने के लिए खूंटी ले जाया गया है।

कर्रा थाना प्रभारी से मुलाकात नहीं हो पाई, किन्तु  मामले की पड़ताल कर रहे एक सर्किल इंस्पेक्टर से मुलाकात हुई। उन्होंने बताया कि बच्ची को मेडिकल के लिए खूंटी ले जाया गया है। जब जांच टीम ने पूछा कि मेडिकल दुष्कर्म की घटना के बाद त्वरित होती है किंतु इतने विलंब से मेडिकल करने का क्या औचित्य है, तब संबंधित अधिकारी ने कहा कि कोर्ट के आदेश पर पुनः मेडिकल कराया जा रहा है।

टीम ने जानना चाहा कि बच्ची के नाबालिग होने पर क्या उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया, ताकि उसकी सुरक्षा और काउंसलिंग की जा सके। इस संबंध में दूरभाष पर थाना प्रभारी ने कहा कि बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करने की जवाबदेही उनकी नहीं है। बाल कल्याण समिति की ही है। उन्‍होंने इस संबंध में बाल कल्याण समिति को तीन-तीन बार सूचना दिया, लेकिन वे थाना आकर बच्ची से बयान नहीं लिए।

पुलिस अधीक्षक खूंटी से दूरभाष पर बात कर पीड़िता से मिलने और किसकी अद्यतन स्थिति के बारे में जानकारी हासिल करने पर उनका कहना था कि बहुत जल्द आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। बच्ची से मिलने की बाबत पूछने पर उनका कहना था कि कोर्ट के आदेश से आज उसका मेडिकल होने के कारण मुलाकात कराने असमर्थ हैं। किसी और दिन मुलाकात कराने की बात कही। 

जांच टीम के सदस्‍यों ने कहा कि बच्ची नाबालिग है। ऐसी परिस्थिति में बच्ची को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत करना होता है। हालांकि बच्चे को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत ना कर घर भेज देना, उसके पूर्व 3 दिनों तक थाने में रखना, बार-बार बच्ची को मेडिकल के लिए ले जाना, उसे बिना सुरक्षा के सुदूरवर्ती गांव में छोड़ देना, बच्चे की काउंसलिंग नहीं कराना पुलिस की कार्यशैली पर संदेह उत्पन्न करता है। नाबालिग के मामले में खूंटी पुलिस प्रशासन लापरवाही बरती है।

भाजपा प्रदेश जांच टीम ने झारखंड सरकार से आरोपियों को अविलंब गिरफ्तार करते हुए,  पोक्सो अधिनियम के तहत जांच करने की मांग की है। जांच टीम अपनी जांच रिपोर्ट भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, संगठन महामंत्री, केंद्रीय नेतृत्व, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को सौंपेगी। जांच टीम में भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती आरती कुजूर, सिमडेगा की पूर्व विधायक डॉ विमला प्रधान, प्रदेश की मंत्री सुश्री काजल प्रधान, खूंटी जिला के जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर गुप्ता, उपाध्यक्ष रनदय नाग, महामंत्री विनोद नाग, पिंकी खोया, डॉ सीमा सिंह शामिल थे।