अर्जुन के सहारे बंगाल विधानसभा चुनाव में लक्ष्य भेदने की तैयारी में भाजपा

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं। भाजपा इस बार वहां भी सत्ता हथियाने में लगी है। इसे लेकर दिल्ली में पार्टी के दिग्गज नेताओं की कई दौर की बैठक हो चुकी है। रणनीति तय की गई है। उसपर काम भी शुरू हो गया है। इसी कड़ी में जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा 5 दिसंबर से पश्चिम बंगाल दौरे पर हैं। वे 7 दिसंबर तक झारग्राम, मिदनापुर और पुरुलिया जिलों का दौरे पर हैं। इस दौरान भाजपा के सांगठनिक बैठकों में शामिल हो रहे हैं।

अर्जुन मुंडा झारखंड के दिग्गज आदिवासी नेता हैं। बंगाल में भी अनुसूचित जनजाति उम्मीदवारों के लिए सीटें आरक्षित हैं। ये आम तौर पर झारखंड से सटे हैं। यही कारण है कि यहां पार्टी उनके सहारे जनता को गोलबंद कर रही है। लक्ष्य भेदने की कोशिश में लगी है। रविवार को उन्होंने मिदनापुर में पदयात्रा की। इस दौरान उनकी मौजूदगी में कई लोगों ने भाजपा की सदस्यता भी ली। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बंगाल के लोग इस बार बदलाव के मूड में हैं। जनता त्रस्त हैं। इस बार भाजपा की जीत पक्की है।

श्री मुंडा शनिवार को तीन दिवसीय बंगाल यात्रा पर झारग्राम पहुंचे। उन्होंरने जिला के नायाग्राम विधानसभा में घर घर संपर्क अभियान चलाया। गोपिबल्लभपुर (झारग्राम) की प्रखंड अध्यक्ष नानगी सोरेन के घर दोपहर में भोजन किया। सिलदा, बीनपुर (झारग्राम) विधानसभा (अजजा सुरक्षित) में जनसभा को संबोधित किया। उन्होंंने मोदी सरकार में आदिवासी सहित अन्य वर्गों के लिए किये जा रहे कार्यों से लोगों को अवगत कराया।

पश्चिम बंगाल में विधानसभा की 294 सीटें हैं. वर्तमान में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के पास 224 सीटें हैं. वहीं भाजपा के पास 16 सीटें हैं। राज्य में भाजपा कमजोर स्थिति में थी। देश में मोदी लहर के बाद भी 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा को 2 सीटें मिली थीं। वर्ष 2019 में भाजपा को 18 सीटें मिलीं। टीएमसी ने 2014 में 34 सीटें हासिल की थीं। हालांकि 2019 में टीएमसी को 12 सीटों का नुकसान हुआ और 22 सीटें मिलीं।