
- राज्य में बेटियों-बहनों को टारगेट कर समाजिक सद्भाव बिगाड़ रहे असमाजिक तत्व
रांची। झारखंड में लव जिहाद के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। अब तक झारखंड की हजारों बहन और बेटियां इसका शिकार हो चुकी हैं। पहले प्रेम, उसके बाद विवाह और फिर धर्म परिवर्तन का दबाव। ऐसे कई मामले हर महीने हम देखते हैं। यह कोई छोटा मामला नहीं है, बल्कि यह समस्या अब समाजिक कोढ़ बनती जा रही है। उक्त बातें रांची के सांसद संजय सेठ ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखे एक पत्र में कही है। अपने पत्र में श्री सेठ ने झारखंड में भी लव जिहाद पर कड़ा कानून बनाने की मांग की है।
श्री सेठ ने कहा है कि लव जिहाद निश्चित रूप से सभ्य समाज के लिए बहुत ही घृणित कार्य है। इससे समाज का ताना-बाना ना सिर्फ टूटता है, बल्कि सामाजिक सद्भाव बिगड़ता है। एक दूसरे की विश्वसनीयता भी खतरे में आ जाती है।
सांसद ने कहा कि बीते एक दशक में झारखंड में इस तरह के हजारों मामले सामने आए। कई मामलों में पुलिस केस दर्ज हुआ। कई मामले पुलिस के सामने नहीं आ सके। इस प्रकरण में सबसे दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि अपना नाम और अपनी पहचान छुपा कर बहनों-बेटियों के साथ विवाह किया जाता है। बाद में उन पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया जाता है।
श्री सेठ ने अपने पत्र में कहा है कि जमशेदपुर, हजारीबाग, चतरा, रांची, दुमका, गिरिडीह, धनबाद सहित झारखंड के लगभग प्रत्येक जिले में ऐसे मामले देखने को मिलते हैं। इस मामले में यह आवश्यक है कि सरकारी स्तर पर कड़े कानूनी प्रावधान बनाए जाएं, ताकि हमारी बहन-बेटियां और उनका भविष्य दोनों सुरक्षित हो सके।
सांसद ने इस मामले में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरकारों का हवाला देते हुए कड़े कानून बनाने से संबंधित प्रस्ताव लाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि झारखंड में इस साजिश के विरोध में कड़े कानून बनाए जाएं, ताकि हमारी बेटियां और बहनों की अस्मिता से खेलने वाले, उनकी धार्मिक पहचान को चोट पहुंचाने वाले और समाज के सद्भाव को बिगाड़ने वाले, प्रेम के नाम पर धोखा देकर धर्मांतरण कराने वाले असामाजिक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई हो सके।
सांसद ने कहा है कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि झारखंड की बहन-बेटियों की प्रतिष्ठा को देखते हुए मुख्यमंत्री इस दिशा में आवश्यक व ठोस कदम जरूर उठाएंगे।