छठ पूजा को लेकर झारखंड सरकार के दिशानिर्देशों का शुरू हुआ विरोध, पूछे जा रहे ये सवाल

झारखंड
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रांची। झारखंड सरकार ने छठ महापर्व को लेकर गाइडलाइन जारी किया है। इसके अनुसार नदी, तालाब, जलाशय सहित समुदायिक छठ घाट के किनारे छठ महापर्व का आयोजन नहीं करना है। घाटों पर किसी प्रकार की सज्जा करने की अनुमति नहीं है।

आपदा प्रबंधन विभाग का मानना है कि छठ महापर्व के दौरान नदी, तालाबों के किनारे काफी संख्या में लोग एकत्रित होते हैं। वहां लॉकडाउन के नियमों का पालन करना संभव नहीं है। अतः लोग घर में छठ पूजा करें।

इस दिशानिर्देश का भाजपा, बजरंग दल, श्री महावीर मंडल डोरंडा सहित अन्य संगठनों ने विरोध किया है। संगठनों ने कहा कि सरकार लॉकडाउन के नियमों का हवाला देकर सिर्फ और सिर्फ हिंदू धर्म के ऊपर ही नए-नए दिशानिर्देश जारी कर रही है। इससे हिंदू काफी हताहत होते हैं।

सरकार से पूछा कि क्या लॉकडाउन में चुनाव का प्रचार एवं वोटिंग नहीं हुए? क्या चुनाव के दौरान जनसभाएं नहीं हुई। क्या सभा में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। कोरोना वायरस का ख्याल रखा गया?

सरकार द्वारा ही लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। आए दिन चौक चौराहे और बाजारों में भारी भीड़ लगती है। इसमें ना तो सोशल डिस्टेंसिंग और ना ही लॉकडाउन के नियमों का पालन किया जाता है।

रांची जिला बजरंग दल के जिला संयोजक रोबिन महतो ने कहा कि झारखंड सरकार द्वारा सीधा-सीधा हिंदू धर्म पर प्रहार करते हुए नित्य प्रतिदिन नए-नए नियम बनाए जा रहे हैं। छठ महापर्व हिंदुओं के भगवान सूर्य देवता के प्रति बहुत आस्था एवं श्रद्धा का पर्व है। छठ महापर्व के दिशानिर्देशों को झारखंड सरकार को वापस लेना होगा। ऐसा नहीं होने पर बजरंग दल और अन्य सभी हिंदू संगठन द्वारा सड़कों पर उतरकर इसका विरोध किया जाएगा।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि सरकार ने तुष्टीकरण की सारी सीमाओं को पार कर दिया है। जब तक हेमंत सोरेन सरकार आस्था के महापर्व छठ पर जारी किए गए अपने तुगलकी फरमान को वापस नहीं लेती, तब तक प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के नेतृत्व में इस निर्णय का कड़ा प्रतिकार होता रहेगा।

भाजपा लालपुर मंडल (किसान मोर्चा) के अध्यक्ष प्रवीण कुमार जायसवाल ने कहा कि सरकार लॉकडाउन के नियमों का हवाला देकर सिर्फ और सिर्फ हिंदू धर्म के ऊपर ही नए-नए दिशानिर्देश लागू करती है। इससे हिंदू काफी हताहत होते हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन या तो सभी घरों के बाहर छठ करने का व्यवस्था करे या ऐसे तुगलकी फरमान को वापस ले।

श्री महावीर मंडल डोरंडा केंद्रीय समिति के अध्यक्ष संजय पोद्दार, मंत्री पप्पू वर्मा ने गाइडलाइन में संसोधन करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में दोहरी नीति अपना रही है, जो स्वस्थ परंपरा के लिए ठीक नहीं है। हजरत साहब का जन्मदिन और उर्स उसका उद्धारण है। छठ महापर्व करोड़ों लोगों के आस्था का केंद्र है। सरकार द्वारा तालाब, नदियों पर अर्घ्या देने पर पाबंदी लगाना अनुचित है। तालाब और नदियों पर छठ मनाने की अनुमति दे।

अखिल भारत हिन्दू महासभा झारखंड प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार मिश्र और रांची महानगर उपाध्यक्ष एवं हजारीबाग ज़िला प्रभारी रवि शंकर शर्मा ने कहा कि कहा कि‍ सरकार कोरोना का भय दिखाकर छठव्रतियों और भगवान भास्कर के प्रति अटूट श्रद्धा रखने वाले धर्मावलम्बियों की आस्था पर कुठाराघात नहीं कर सकती। सरकार तुगलकी फरमान को तत्काल प्रभाव से निरस्त करें, अन्यथा गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए अखिल भारत हिन्दू महासभा के राज्यस्तरीय कार्यकर्ता और उनके समस्त परिवार घाट पर छठ पर्व मनाने के लिए दृढ संकल्पित हैं।