रांची । प्रेरणा दर्पण सांस्कृतिक साहित्यिक मंच की झारखंड ईकाई के तत्वावधान में 22 नवंबर को गोष्ठी और उत्सव का आयोजन किया। इसकी अध्यक्षता साहित्यकार डॉ पंपा सेन विश्वास ने की। दीपोत्सव से गोष्ठी की शुरुआत हुई। रेनू बाला धार ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। मंच का संचालन प्रतिमा मणि त्रिपाठी जी ने किया।
मंच से जुड़े कवि/कवयित्रियों के काव्य पाठ ने वातावरण को खुशनुमा बना दिया। फेसबुक लाईव के माध्यम से मंच के संस्थापक हरि प्रकाश पांडेय जुड़े रहे। लाईव से जुड़े सभी श्रोताओं ने गोष्ठी का आनंद लिया।
कवि गोष्ठी की शुरुआत खुशबू बर्नवाल ‘सीपी’ की हास्य रस की रचना ‘कामवाली बाई नहीं आई’ से हुई। इसके बाद कविता रानी ने गरीब के दर्द को उजागर करते हुए। अपनी कविता का वाचन किया। मुनमुन ढाली ने ‘कभी डायन देखी है’ कविता का पाठ किया। सूरज श्रीवास्तव ने नरगिसी नजरों को तलवार होने दीजिए, उम्दा गजल की प्रस्तुति दी, संध्या चौधरी ने ‘खमोशी का भी होता वजूद की प्रस्तुति दी। मनीषा सहाय ने भी अपनी कविता प्रस्तुत की। रेनू बाला धार ने कीर्ति काले के जन्मोत्सव पर शुभकामना देते कविता ‘मिलकर जन्म दिवस मनाएं हम’ का पाठ किया।
कार्यक्रम की अध्यक्ष डॉ पंपा सेन विश्वास ने डॉ कीर्ति काले के व्यक्तित्व पर चर्चा की। मंच की वरिष्ठ मार्गदर्शिका गरिमा पाठक और मंच की सलाहकार रेणु झा ने कीर्ति काले के बारे में जानकारी ली। प्रेरणा दर्पण प्राइम में फैशन शो से जुड़ी करूणा सिंह ने डॉ कीर्ति काले को जन्मदिन की बधाई दी। दर्पण प्राइम की जानकारी दी। झारखंड प्रभारी कल्याणी झा कनक ने डॉ कीर्ति काले को जन्मदिन की बधाई देते हुए उनका एक गीत (आंखों में फागुन की मस्ती, पलकों पर बासंती हलचल) गाया। धन्यवाद कल्याणी झा कनक ने किया।