नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। उन्होंने देश और विदेश में जनता के साथ अपने विचार साझा की। इस दौरान पीएम ने किसान आंदोलन से लेकर गुरुनानक जयंती तक की बात की।
प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात की शुरुआत में कनाडा से करीब 100 साल पुरानी देवी अन्नपूर्णा की प्रतिमा वापस आने की खुशखबरी को साझा किया। इस मूर्ति को वाराणसी के एक मंदिर से चुराया गया था और लगभग 100 पहले स्मगलिंग किया गया था। प्रधानमंत्री ने भारत की सांस्कृतिक विरासतों को सुरक्षित करने और विदेश से वापस लाए जाने के प्रयासों की जानकारी दी।
श्री मोदी ने कहा कि भारत में खेती और उससे जुड़ी चीजों के साथ नए आयाम जुड़ रहे हैं। बीतें दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं। बरसों से किसानों की जो मांग थी, जिन मांगों को पूरा करने के लिए किसी न किसी समय में हर राजनीतिक दल ने उनसे वादा किया था। वो मांगे पूरी हुई हैं। काफी विचार विमर्श के बाद भारत की संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप दिया है। इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बंधन समाप्त हुए हैं बल्कि उन्हें नए अधिकार भी मिले हैं। नए अवसर भी मिले हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि कानून में एक और बहुत बड़ी बात है, इस क़ानून में ये प्रावधान किया गया है कि क्षेत्र के एसडीएम को एक महीने के भीतर ही किसान की शिकायत का निपटारा करना होगा।
प्रधानमंत्री ने गुरु नानक देव जी के लंगर की परंपरा का जिक्र करते हुए कोरोना काल में सिख समुदाय द्वारा किए गए सेवा की सराहना की। प्रधानमंत्री ने गुरु साहिब की सेवा का जिक्र करते हुए कहा कि गुरु साहब की मुझ पर विशेष कृपा रही जो उन्होंने मुझे हमेशा अपने कार्यों में बहुत करीब से जोड़ा है। कल 30 नवंबर को हम श्री गुरु नानक देव जी का 551वां प्रकाश पर्व मनाएंगे। पूरी दुनिया में गुरु नानक देव जी का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस महीने 12 नवंबर से डॉक्टर सलीम अली जी का 125वां जयंती समारोह शुरू हुआ है। डॉक्टर सलीम ने पक्षियों की दुनिया में बर्ड वाचिंग को लेकर उल्लेखनीय कार्य किए है। दुनिया में बर्ड वाचिंग को, भारत के प्रति आकर्षित भी किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कच्छ में एक गुरुद्वारा है, लखपत गुरुद्वारा साहिब। श्री गुरु नानक जी अपने उदासी के दौरान लखपत गुरुद्वारा साहिब में रुके थे। 2001 के भूकंप से कच्छ के लखपत गुरुद्वारा साहिब को भी नुकसान पहुंचा था। गुरु साहिब की कृपा ही थी कि मैं इसका जीर्णोद्धार सुनिश्चित कर पाया।
गुरुग्रंथ साहिब में कहा गया है- ‘सेवक को सेवा बन आई’, यानी सेवक का काम सेवा करना है। बीते कुछ वर्षों में कई अहम पड़ाव आए और एक सेवक के तौर पर हमें बहुत कुछ करने का अवसर मिला।
प्रधानमंत्री ने सर्दी के मौसम में बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान रखने और सावधानी बरतने की सलाह दी।
कोरोना वैक्सीन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने देश की जनता से सावधान रहने के साथ लड़ाई को मजबूती से जारी रखने की अपील की। कोरोना वैक्सीन की तैयारियों का जायजा लेने के बाद पीएम मोदी मन की बात कर रहे हैं। कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए दुनियाभर में वैक्सीन तैयार करने का काम चल रहा है। कई देशों में वैक्सीन का काम अपने अंतिम चरण में है। भारत में भी वैक्सीन की खोज का काम अंतिम चरण में है। प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को देश की 3 प्रमुख लैब का दौरा किया और वहां वैक्सीन की जानकारी ली। कोरोना वैक्सीन के जायजे पर निकले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इस दौरे का अंत पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ किया।
छह दिसंबर को बाबा साहब को श्रद्धांजलि देने के साथ ही देश के प्रति अपने संकल्पों, संविधान ने, एक नागरिक के तौर पर अपने कर्तव्य को निभाने की जो सीख हमें दी है, उसे दोहराने का है।
प्रधानमंत्री ने कृषि की पढ़ाई कर रहे छात्रों से गांवों के किसानों को कृषि सुधारों और आधुनिक कृषि को लेकर जागरूक कर देश में हो रहे बदलाव का सहभागी बनने की अपील की।