पिता चाहते थे कुर्सी पर बैठा देखना, बेटे ने उन्हें ही बै‍ठा दिया

झारखंड सरोकार
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  • सोशल मीडिया पर वायरल हो रही झारखंड कैडर के IAS का पोस्ट

रांची। ‘चाहे मुझे घर भी बेचना पड़ जाये चलेगा, पर मुझे तुझे उस कुर्सी पर बैठा हुआ देखना है।’ यही बोल थे मेरे अब्बा के, जब मैं upsc के लिये preparation कर रहा था। आज उन्हीं को उस कुर्सी पर बिठा दिया। ट्वीटर पर यही लिखा है 2019 बैच के झारखंड कैडर के आइएएस सैयद रियाज अहमद ने। मूल रूप से नागपुर के रहने वाले श्री रियाज ने 2018 लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) में 261वीं रैंक हासिल किया।

वे गरीब परिवार से आते हैं, जहां बच्चे को पढ़ने की उम्र में ही घर का खर्च चलाने की जिम्मेदारी दे दी जाती है। उनके पिता तीसरी कक्षा तक और माता ने सांतवीं कक्षा तक ही पढ़ाई की है। मुश्किलों के बाद भी वे हार नहीं माने। कड़ी मेहनत से 261वीं रैंक लाया। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह 12वीं में फेल हो गए थे, जिसके बाद उन्हें काफी अपमान सहना पड़ा था।

आइएएस का ट्वीट

एकबार फिर उन्होंने कड़ी मेहनत की और औसत अंक हासिल किया। इसके बाद पॉलिटिक्स विषय के साथ कॉलेज में दाखिला लिया। वे बताते हैं कि आईएएस की तैयारी के लिए 2013 में वह पूना चले गए। वर्ष 2014 में आइएएस की पहली परीक्षा में ही बाहर हो गए। पहली कोशिश नाकाम रहने के बाद उन्होंने 2015 में प्रीलिम्स दिया। उसमें भी फेल हो गए। नि‍गेटिव मार्किंग के चलते उनके नंबर कम आए। इसके बाद उन्होंने अपनी रणनीति बदली। वर्ष 2016 में उन्होंने प्री और मेंन्स तो निकाल लिया लेकिन इस बार उन्हें इंटरव्यू में निराशा हाथ लगी।

उतार-चढ़ाव के बीच 2018 में मेन क्लीयर हो गया। 5 अप्रैल को जब परिणाम घोषित हुए तो पता चला कि 261वीं रैंक आई है। तब पिताजी को फोन किया और भरे हुए मन से बोला कि मैं सिलेक्ट हो गया।