नई दिल्ली । लंबी बीमारी के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल (71) का निधन हो गया है। उनके पुत्र फैसल पटेल ने ट्वीट कर ये जानकारी दी है। कोरोना संक्रमित होने के बाद वह पिछले एक महीने से वे गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। वे सोनिया गांधी के काफी करीबी माने जाते थे। उनके सलाहकारों में से एक थे।
श्री अहमद के बेटे फैसल पटेल ने उनके निधन की खबर ट्वीटर पर दी। उन्होंने लिखा- बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मेरे पिता अहमद पटेल का निधन 25 नवंबर को सुबह 3.30 बजे हो गया। करीब महीने भर पहले वह कोरोना से संक्रमित पाए गए थे। इसके बाद से उनकी हालत बिगड़ती गई। शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया। मैं सभी शुभचिंतकों से प्रार्धना करता हूं कि वे कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करें। भीड़ नहीं करें और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें।
श्री पटेल को 10 जनपथ का करीबी चेहरा माना जाता रहा। वे सोनिया गांधी के सबसे भरोसेमंद नेता माने जाते रहे। इसी क्रम में वे कांग्रेस में गांधी परिवार के बाद नंबर दो के नेता कहे जाते रहे। अहमद पटेल राज्यसभा सांसद होने के साथ ही लंबे समय से कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार भी रहे। राजीव गांधी की हत्या के बाद नरसिम्हा राव जैसे बड़े नेताओं के साथ सोनिया के बिगड़ते रिश्तों के बावजूद वह पटेल ही थे, जिनकी रणनीति से सोनिया गांधी कांग्रेस की सर्वमान्य नेता बन पायीं।
करीब 45 वर्षों के अपने राजनीतिक करियर में अहमद पटेल 8 बार सांसद बने। तीन बार लोकसभा से और 5 बार वो राज्यसभा के सांसद के बतौर सक्रिय रहे। साल 1977 लेकर 1989 तक तीन बार वो लोकसभा सांसद रहे। वहीं साल 1993 से लेकर नवंबर 2020 तक पांच बार राज्यसभा सांसद चुने गए हैं। गुजरात की राजनीति में एहसान जाफरी के बाद अहमद पटेल को ही सबसे बड़ा मुस्लिम चेहरा माना जाता रहा। गुजरात के इकलौते मुस्लिम सांसद के तौर पर वो वर्तमान राज्यसभा सदस्य थे।
प्रारंभिक राजनीतिक जीवन में पटेल 1977 से लेकर 1982 तक गुजरात यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। इसके बाद एक साल के लिए उन्हें एआईसीसी का ज्वाइंट सेक्रेट्री बनाया गया। साल 1985 में उन्हें पीएम राजीव गांधी का संसदीय सचिव बनाया गया। अगले ही साल उन्हें गुजरात कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया गया। इसके बाद साल 1991 में जब नरसिम्हा राव की सरकार थी तब उन्हें कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) में जगह मिली और तब से लेकर वह लगातार सीडब्ल्यूसी में बने रहे।