नेतरहाट से रांची लौटने के क्रम में कुडू में रुके सीएम, डीसी ने जन समस्‍याओं से कराया अवगत

झारखंड
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आनंद कुमार सोनी

लोहरदगा । नेतरहाट के तीन दिवसीय दौरे से रांची लौटने के क्रम में मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन शनिवार को कुडू में थोड़ी देर के लिए रुके। कुडू स्थित अजय ढाबा में उनका स्वागत उपायुक्त दिलीप कुमार टोप्पो और पुलिस अधीक्षक प्रियंका मीना ने कि‍या। उपायुक्त के साथ मुख्यमंत्री ने जिले में कोरोना की रोकथाम समेत कुछ अन्य विषयों पर बातचीत की।

श्री सोरेन ने जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति पर जानकारी ली। इसपर नियंत्रण रखने व इसके प्रसार को रोकने के लिए अधिक से अधिक लोगों की जांच करने, लगातार कोरोना संक्रमित की मॉनिटरिंग करने, लोगों से आवश्यक सामाजिक दूरी का पालन कराने, सार्वजनिक स्थानों पर हमेशा मास्क का प्रयोग आवश्यक रूप से पालन कराने का निर्देश दिया। उपायुक्त ने सीएम को ज्ञापन सौंपा। हाल सर्वे खतियान में व्याप्त त्रुटियों के निराकरण के लिए  Rectification/Correction करने के संबंध में वैधानिक निर्णय लेने का आग्रह किया।

मौके पर उप विकास आयुक्त अखौरी शशांक सिन्हा, एसडीओ अरविंद कुमार लाल, सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार, डीएसपी परमेश्वर प्रसाद, विशेष कार्य पदाधिकारी अमित बेसरा, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी पलटू महतो, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा एआई उरांव, बीडीओ कुडू मनोरंजन कुमार, बीडीओ सदर राजेश डुंगडुंग, बीडीओ सेन्हा अशोक चोपड़ा समेत अन्य मौजूद थे।

बाईपास रोड का निर्माण

लोहरदगा शहर का अस्तित्व रांची शहर से भी पुराना है। जिले में यातायात के लिए जो व्यवस्था पूर्व से थी, वह अब भी बरकरार है। अब जिला बनने एवं आबादी बढ़ने के कारण यह व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। शहर के बीच से घाघरा, कुडू जाने का रास्ता गुजरती हैं, जिसमें काफी बड़ी वाहनें चलती हैं। शहरी क्षेत्र से होकर हिंडलको कंपनी के बगड़, सेरेंगदाग माईंस के बाक्साईट से लदे वाहन काफी संख्या में गुजरते हैं, जिससे प्रायः शहरी क्षेत्र में जाम की स्थिति और दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। आम नागरिकों को आवागमन में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति से निपटने के लिए बाईपास रोड की नितांत आवश्यकता है। अतः बाईपास रोड बनाने के लिए पथ निर्माण विभाग को निर्देश देने की कृपा की जा सकती है।

पुंदाग एवं हुसरू नदी पर पुल निर्माण

जिला का पेशरार प्रखंड उग्रवाद की समस्या से पूरी तरह से प्रभावित है। प्रखंड मुख्यालय से सेरंगदाग, मन्हेपाट आदि बड़े क्षेत्रों को प्रखण्ड मुख्यालय से जोड़ने के मार्ग में दो नदियां पड़ती हैं, जिस पर पुल अब तक नहीं रहने के कारण इस क्षेत्र के लोगों को यातायात में काफी परेशानी होती है। साथ ही विकास कार्य बुरी तरह से प्रभावित होते हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए पुनदाग नाला एवं हुसरू नदी पर पुल बनाये जाने की आवश्यकता है। इस पुल के निर्माण के लिए ग्रामीण विकास विभाग (ग्रामीण विकास विशेष प्रमण्डल) को आदेश देने की कृपा की जा सकती है। इन दोनों पुलों के निर्माण में लगभग 5 करोड़ रुपये व्यय होने की संभावना है।

जलापूर्ति की समस्या

शहरी क्षेत्र में पूर्व की व्यवस्था से जलापूर्ति की जा रही है, जो पर्याप्त नहीं है। जलापूर्ति के लिए पूर्व में लगाई गई पाईप काफी पुरानी और क्षतिग्रस्त हो चुकी है। साथ ही आबादी बढ़ने के कारण इसमें नये सिरे से कार्य कराये जाने की आवश्यकता है। इस संदर्भ में डीपीआर बनाने का काम चल रहा है। शहरी क्षेत्र में पेयजलापूर्ति की समस्या को देखते हुए नगर विकास विभाग को निर्देश देने की कृपा की जा सकती है कि डीपीआर को शीघ्र अंतिम रूप देते हुए जलापूर्ति की योजना पर कार्य प्रारंभ किया जाय ।

जिला सदर अस्पताल का निर्माण

वर्तमान में जिले में संचालित सदर अस्पताल मानक के अनुसार नहीं है, जिसके कारण चिकित्सीय कार्य में परेशानियां हो रही है। सदर अस्पताल में मात्र 50 बेड ही उपलब्ध है, जिससे चिकित्सीय कार्य में कठिनाईयां होती है। ऐसी स्थिति में कोविड-19 महामारी से आम नागरिकों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए निजी अस्पताल ‘संत उर्सला अस्पताल’ को अधिगृहित करने की आवश्यकता पड़ी थी। इस समस्या के निदान के लिए नया सदर अस्पताल निर्माण किया जाना नितांत आवश्यक है। जिले में एक नया सदर अस्पताल निर्माण कराये जाने की आवश्यकता है। इसके लिए भूमि चिन्हित की जा चुकी है। उक्त समस्या के निदान के लिए स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग को नया सदर अस्पताल निर्माण के संबंध में अग्रेतर कार्रवाई का आदेश देने की कृपा की जा सकती है ।

आर्थिक विकास के लिए नाशपाती खेती

पेशरार प्रखंड पूर्णतः उग्रवाद प्रभावित है। इसके ग्रामीणों को आर्थिक गतिविधि से जोड़ने एवं आर्थिक विकास के लिए बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत (मनरेगा) लगभग 500 एकड़ में नाशपाती बागवानी की योजना तैयार की गयी है। प्रस्ताव मनरेगा आयुक्त को भेजा जा चुका है। उक्त प्रस्ताव पर यथाशीघ्र स्वीकृति का आदेश ग्रामीण विकास विभाग को देने की कृपा की जा सकती है।