- भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि दी गई
- रांची की बेटियों ने लोक नृत्य में भाग लिया
लंदन (यूके)। लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के इंडिया हाउस में गुरूवार देर शाम जनजातीय गौरव दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसे गौरव, उत्साह और सांस्कृतिक गरिमा के साथ मनाया गया। यह कार्यक्रम भगवान बिरसा मुंडा की अमर विरासत को समर्पित था। मौके पर सबों ने भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम का उद्घाटन यूनाइटेड किंगडम में ब्रिटेन स्थित भारतीय उच्चायोग के उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने किया। कार्यक्रम में लंदन के कई विशिष्ट अतिथियों, भारत से जुड़े सामुदायिक सदस्यों और सांस्कृतिक संगठनों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
मौके पर उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी ने भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती पर आयोजित जनजातीय गौरव दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारतीय संस्कृति में जनजातीय परंपराओं को अमूल्य धरोहर बताया। देश की आजादी में आदिवासी नेताओं के योगदान पर विचार रखे।
यह कार्यक्रम भारतीय उच्चायोग, स्थानीय संस्थाओं सिफी, धुन, झारखंड यूके नेटवर्क और टीम स्वरांगी के संयुक्त सहयोग से आयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान भारतीय उच्चायोग के उप निदेशक कार्तिक पांडे द्वारा परिचर्चा और आदिवासी लोक नृत्य के सभी प्रतिभागियों और सहयोगियों को प्रशस्ति-पत्र प्रदान किए गए।
इस अवसर पर उज्ज्वल बंगा सिफी धुन, झारखंड यूके नेटवर्क और टीम स्वरांगी के भी सदस्य उपस्थित रहे।
मौके पर टीम स्वरांगी ने रांची की बेटी जूही प्रिया (कांके रोड निवासी) के नेतृत्व में सहयोगी रिमी रॉय सरकार, शार्बोनी दास, सुदेशना सामंता और वैशाखी दत्ता ने जनजातीय वेशभूषा में झारखंड की संथाली लोक नृत्य पर आधारित मनमोहक सांस्कृतिक नृत्य और गीत पेश किया। इस दौरान स्वरांगी टीम की महिलाओं ने पारंपरिक आदिवासी संगीत, नृत्य और प्रस्तुति के माध्यम से बिरसा मुंडा के योगदान को श्रद्धापूर्वक स्मरण कराया।
कार्यक्रम के दौरान आयोजित जनजातीय गौरव दिवस विषय पर परिचर्चा का संचालन राहुल ओझा ने किया। इस परिचर्चा में रांची की बेटी मनीषा उपाध्याय (रातु रोड निवासी) के अलावा अजय प्रकाश, डाली पांडे, संतोष उपाध्याय सहित अन्य ने भाग लिया।
चर्चा में आदिवासी समाज को देश की मुख्यधारा में जोड़ने पर बल दिया। देश की आजादी में बिरसा मुंडा सहित सभी आदिवासी नेताओं के मार्गदर्शन और योगदान और भारतीय संस्कृति में आदिवासी समाज की गौरवपूर्ण गाथा पर चर्चा की गई।
कार्यक्रम में झारखंड, बिहार, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल से जुड़े पुरूष एव॔ महिलाओं ने भाग लिया। समापन अवसर पर सभी लोगों ने देश की एकता, सांस्कृतिक गौरव और भारत की जनजातीय विरासत के संरक्षण का संकल्प जताया।
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