सी-बॉक्स जरिये भी महिला हिंसा की शिकायत संभव : दिलीप प्रताप सिंह शेखावत

झारखंड
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  • लिंग आधारित हिंसा कार्यक्रम का समापन

आनंद कुमार सोनी

लोहरदगा। लिंग आधारित हिंसा उन्मूलन के लिए 25 नवंबर से चले रहे अभियान का विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर 10 दिसंबर को नगर भवन में समापन हो गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर जिला परिषद अध्यक्ष रीना कुमारी, उप विकास आयुक्त दिलीप प्रताप सिंह शेखावत, डालसा सचिव राजेश कुमार, जिला परिषद उपाध्यक्ष विनोद उरांव, सभी जिला परिषद सदस्य, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सीता पुष्पा ने किया।

इस मौके पर उप विकास आयुक्त दिलीप प्रताप सिंह शेखावत ने कहा कि बच्चों व महिला हिंसा के खिलाफ सभी को आवाज उठाना चाहिए। विशेषकर जो पीड़िता है, वह अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो। आज कानून द्वारा कई प्रावधान किये गये हैं। जिन बच्चों पर हिंसा हो रही है, उनके आसपास रहने वाले लोग जिला प्रशासन को सूचित करें ताकि उन्हें उनका अधिकार दिलाया जा सके।

आज हमारे पास घरेलू हिंसा में महिलाओं का संरक्षण अधिनियम-2005 जैसा कानून है, जिसमें किसी प्रकार की हिंसा की रोकथाम के लिए पुलिस अधिकारी, संरक्षण अधिकारी, सेवा प्रदाता या मजिस्ट्रेट से संपर्क किया जा सकता है। मदद के लिए नजदीकी स्वयं सहायता समूह या उनके संगठन, जेंडर रिसोर्स सेंटर, वन स्टॉप सेंटर या पुलिस को बताएं। हेल्पलाईन नंबर 112 डायल कर कोई भी घटना की जानकारी दे सकते हैं।

श्री शेखावत ने कहा कि महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध साइबर अपराध की रोकथाम सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत अपराधों में हैकिंग, पहचान की चोरी, अश्लील सामग्री का प्रसारण, शारीरिक गोपनीयता का उल्लंघन आदि शामिल है। टॉल फ्री नंबर 1930 डायल कर ऐसी घटनाओं की जानकारी दी जा सकती है। कार्य स्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न अधिनियम 2013 दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (सीआरपीसी), आईपीसी और अन्य कानूनों के तहत महिलाओं के अधिकार की जानकारी उप विकास आयुक्त द्वारा कार्यशाला में दी गई।

उप विकास आयुक्त ने कहा कि सी-बॉक्स जरिये कोई भी महिला अपने उपर हो रही हिंसा की शिकायत कहीं से भी कर सकती है। महिला को ऐसी हिंसा पर कार्रवाई के लिए बनाये कानून की जानकारी रहनी चाहिए, ताकि वो अपना अधिकार पा सकें।

जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने 25 नवंबर, 2024 से अब तक लिंग आधारित महिला हिंसा उन्मूलन के लिए प्रखंडों में चलाये गये अभियान की जानकारी दी। साथ ही कार्यशाला की महत्ता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में 25 नवंबर से 10 दिसंबर, 2024 तक जागरुकता कार्यक्रम लोहरदगा जिला अंतर्गत विभिन्न उच्च विद्यालय / महाविद्यालय/ प्रखंड एवं पंचायत स्तर आयोजित सत्रों की संक्षिप्त विवरणी भी शार्ट फ़िल्म के जरिए प्रस्तुत की गई।

लोकनाथ कल जत्था दुंदुरु पेशऱार द्वारा घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 के प्रचार हेतु नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला शिक्षा अधीक्षक, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सिविल सर्जन, डीपीएम, जेएसएलपीएस एवं बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी सेविकाएं सखी मंडल की दीदी शिक्षा विभाग के सीआरपी बीआरपी पीएलबी मेंबर्स एवं पुलिसकर्मी उपस्थित थे।

कार्यक्रम में श्रीमती रेशम सिंह धवानी फाउंडेशन, एवं प्रियंवदा कुमारी अधिवक्ता झारखंड द्वारा महिला एवं बच्चों के खिलाफ हिंसा के लिए विभिन्न एक्ट के कानूनी प्रावधानों का संक्षिप्त रूप जानकारी प्रदान की गई। इसके अलावा भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत आज बच्चों को मोबाइल की उपयोग के संदर्भ में क्या सावधानी रखी जानी है, जिससे वह कानूनी जज से बच सके इस संदर्भ में उन्हें बताया गया।

इस अवसर पर विनोद खेरवार (पूर्व जिला परिषद सदस्य, पेशरार), कामिल टोपनो (मुखिया, देवदारिया, पेशरार), आरपी यादव एसआई, अनिता डांग, एसआई, बालकृष्ण सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता अनिल साहू, हेंजला (कुडू), प्रेमी उरांव (उदारंगी, भंडारा प्रिंसिला, कैरो) अमित चंद्रवंशी (टंगराटोली, लोहरदगा), राजकुमार लोहरा (मैना बगीचा) सुश्री अक्षिता खत्री (खिलाड़ी) को मानव अधिकार, महिला सशक्तिकरण, खेल इत्यादि क्षेत्रों में सराहनीय कार्य के लिए सम्मानित किया गया।

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