नगड़ी के ग्रामीणों ने लिया वोट बहिष्कार का निर्णय, जानें वजह

झारखंड
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रांची। नगड़ी गांव के अखरा में ग्राम सभा प्रो. दासो कच्छप की अध्यक्षता में की गई। इसमें नगड़ी गांव के लगभग 3 सौ महिला-पुरुष रैयतों ने हिस्‍सा लिया। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में वोट नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि तत्कालीन बिहार सरकार ने नगड़ी मौजा की 227 एकड़ जमीन का अधिग्रहण बिरसा कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए किया था। उस समय भी नगडी के ग्रामीणों ने इसका विरोध कर मुआवजा राशि नहीं ली। रैयत अपनी भूमि पर वर्षों से कृषि कार्य करते रहे हैं।

राज्य सरकार द्वारा 2012 में पुनः नगड़ी चौरा की बीएयू के नाम से अर्जित भूमि बताकर इसमें रिंग रोड, आईआईएम, ट्रि‍प्पल आईटी और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के निर्माण के लिए बाउंड्रीवाल कराई गई। इसके बाद नगड़ी के ग्रामीणों ने इसका पूरजोर विरोध किया था। सरकार द्वारा बल पूर्वक नगड़ी चौरा की 67 एकड़ जमीन पर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी और रिंग रोड का निर्माण कराया गया। हालांकि रैयतों को अब तक इसका मुआवजा नहीं मिला है।

ग्रामीण बंदी राम टोप्पो ने कहा कि सरकार नवनिर्मित रिंग रोड और लॉ यूनिवर्सिटी के लिए अधिगृहित भूमि का मुआवजा का भुगतान वर्तमान दर पर किया जाए। बिरसा कृषि विवि के नाम से जमाबंदी को रद्द कर रैयतों के नाम से मालगुजारी रसीद काटने का प्रावधान करे। अन्यथा बाघ्य होकर हम सभी नगड़ी के ग्रामीण विधानसभा चुनाव के दिन वोट का बहिष्कार करेंगे।

ग्रामसभा में रामानंद टोप्पो, छोटू टोप्पो, अमृत टोप्पो, संगीता टोप्पो, शिल्पा कच्छप, नीलम टोप्पो, सीता टोप्पो, जौनी कच्छप, अर्जुन टोप्पो, फागु टोप्पो सहित दर्जनों महिला पुरुष शामिल थे।

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