विवेक चौबे
गढ़वा। सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना का लाभ छात्राओं को दिलाने की जवाबदेही संबंधित स्कूल के प्रधानाचार्य की है। कोई भी योग्य छात्रा इस योजना से वंचित रहती है, तो इसे स्कूल के प्रधानाचार्य की लापरवाही मानी जाएगी। उक्त निर्देश जिले के कांडी प्रखंड विकास पदाधिकारी सह सीडीपीओ राकेश सहाय ने जारी किए।
यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी छात्रा को फॉर्म भरने के लिए प्रखंड कार्यालय आने की जरूरत नहीं है। संबंधित स्कूल के प्रधानाचार्य को जवाबदेही दी गई है कि छात्राओं से फॉर्म वे अपनी निगरानी में भरवाना सुनिश्चित करेंगे। इसके बाद छात्राओं के भरे हुए फॉर्म को संबंधित प्रधानाचार्य समन्वय स्थापित करते हुए संबंधित आंगनबाड़ी सेविका, सहायिकाओं को या फिर प्रखंड कार्यालय में सीडीपीओ कार्यालय को रिसीव कराएंगे। इसकी विधिवत रिसीविंग लेंगे।
निर्धारित समय सीमा के अंदर सभी स्कूली छात्राओं को किशोरी समृद्धि योजना का लाभ मिल जाए, यह स्कूल के प्रधानाचार्य सुनिश्चित करेंगे अन्यथा उनकी लापरवाही मानी जाएगी। क्योंकि स्कूल के प्रधानाचार्य को अच्छी तरह पता है कि कौन सी छात्रा योग्य है और किसे किशोरी समृद्धि योजना का लाभ मिलना चाहिए।
झारखंड सरकार की यह बेहद महत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी योजना है, ताकि छात्राएं निर्बाध रूप से अपनी पढ़ाई जारी रख सकें। उन्हें किसी भी तरह का आर्थिक संकट पढ़ने के क्रम में नहीं आए। इस उद्देश्य को पूरा करने में सभी स्कूलों के प्रधानाचार्य, शिक्षक, आंगनबाड़ी सेविका, सहायिकाएं मुख्य रूप से जवाबदेह हैं।
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