- बेबुनियाद तथ्यों के आधार पर अफसरों पर आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण
- विषम परिस्थितियों के बावजूद विद्युत उत्पादन में अग्रणी टीवीएनएल
प्रशांत अंबष्ठ
बोकारो। गोमिया के पूर्व विधायक सह राज्य पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद ने कहा है कि सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड (टीवीएनएल) को अस्थिर करना चाह रहे हैं। प्रबंधन एवं पदाधिकारियों पर सांसद के लगाए आरोप पूरी तरह निराधार और तथ्यों से परे है। दुर्भाग्यपूर्ण हैं। विषम परिस्थितियों के बावजूद टीवीएनएल से लगातार बेहतर विद्युत उत्पादन दर्ज किया जा रहा है। इस कार्य में अपना शत प्रतिशत देने वाले अधिकारी एवं कर्मचारियों का मनोबल सांसद द्वारा लगाए जा रहे आरोपों से गिर रहा है। यह संस्थान की निर्बाधता और माहौल दोनों को प्रभावित कर सकता है।
श्री प्रसाद ने कहा कि टीवीएनएल राज्य सरकार का एकमात्र ताप विद्युत संयंत्र है। विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में लगातार अग्रणी भूमिका में है। अपने कीर्तिमानों एवं उपलब्धियों से राज्य का नाम रोशन करते रहा है। पिछले 28 वर्षों से निरंतर चलने और अनेकों समस्या एवं चुनौतियों से निपटते हुए आज भी 70 प्रतिशत से अधिक पीएलएफ पर विद्युत उत्पादन दर्ज किया जाना इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। इसके साथ प्रदूषण नियंत्रण को जरूरी सिलो सिस्टम संयंत्र का निर्माण पूर्ण कर इसे चालू कर लिया गया है। ईटीपी/एसटीपी का निर्माण अंतिम चरण में है। एडब्लूआरएस निर्माण भी शीघ्र शुरू होने वाला है। कई छोटे-छोटे उपकरण जगह जगह स्थापित किए गए हैं। निर्माण कराया गया है।
पूर्व विधायक ने कहा कि आवंटित कोल ब्लॉक को चालू करने की प्रक्रिया तीव्र गति से जारी है। 24 वर्षों से लंबित कामगारों को प्रोन्नति देना और यूनियन का गठन सराहनीय है। इसके बावजूद भी सांसद द्वारा भ्रष्टाचार एवं मनमानी का प्रबंधन पर आरोप परियोजना और राज्यहित को प्रभावित करने वाला है। बिना सत्यता जाने गंभीर आरोप लगाना अवमानना का मामला होता है। इस ओर अधिकारी गंभीर भी हैं। सांसद ने राज्य सरकार को भी कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया है, यह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
श्री प्रसाद ने कहा कि सांसद को राज्यहित में टीवीएनएल के विस्तारीकरण की मांग की आवाज को सरकार के समक्ष आवाज बुलंद करते रहना चाहिए था। इससे अधिकारियों, कामगारों का मनोबल बढ़ता। जनता का विश्वास हासिल होता। हालांकि सांसद ने जिस तरह से दुर्भावना से प्रेरित होकर आरोप लगाया है, उससे परियोजना बंदी के कगार पर भी जा सकती है। इससे हजारों लोग बेरोजगार हो जाएंगे। उनके परिवार के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। सांसद को अपनी गतिविधि पर खेद जताना चाहिए। आरोप वापस लेने चाहिए।
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