- धर्म और राजनीति का घालमेल सिंडिकेट हिंदुत्व की साजिश
रांची। अयोध्या में बन रहे मंदिर में ‘राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा’ का कार्यक्रम पूरी तरह धार्मिक अनुष्ठान है। इसे राजकीय आयोजन में तब्दील करना हमारे संविधान के ‘धर्मनिरपेक्ष चरित्र और अनुच्छेद 25, 26 और 27’ के खिलाफ है। पार्टी के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने कहा कि इसमें उल्लेखित है कि राज्य विभिन्न धर्मों को मानने वाले अपने नागरिकों को इजाजत देता है कि वे अपने-अपने धर्म का पालन करें, लेकिन राज्य का अपना कोई धर्म नहीं होगा। वह धर्म के प्रति निरपेक्ष होगा।
राज्य सचिव ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र और राज्य सरकारें इस धार्मिक आयोजन में कार्यपालिका का इस्तेमाल कर और प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग कर इसे आगामी संसदीय चुनाव का राजनीतिक एजेंडा बनाने की कोशिश कर रही है।
इसलिए केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा 22 जनवरी को पूरे देश में बैंकों और बीमा क्षेत्र सहित सभी प्रतिष्ठानों में आधे दिन के अवकाश की घोषणा किए जाने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं।
माकपा सभी धर्मों के प्रति आदर और सम्मान की भावना का पालन करती है। माकपा की स्पष्ट समझ है कि धर्म नितांत एक व्यक्तिगत आस्था का मामला है और इसमें राजनीति की मिलावट नहीं होनी चाहिए।
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