- मुख्यमंत्री कोडरमा में ‘आपकी योजना -आपकी सरकार-आपके द्वार’ कार्यक्रम में हुए शामिल
कोडरमा। ‘आपकी योजना- आपकी सरकार- आपके द्वार’ कार्यक्रम के माध्यम से आदिवासी, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक, महिला, युवा, किसान- मजदूर और समाज के अंतिम व्यक्ति तक सरकार की योजनाएं और सेवाएं पहुंच रही हैं। हर व्यक्ति को योजनाओं से जोड़कर राज्य के विकास में भागीदार बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन 5 दिसंबर को कोडरमा में ‘आपकी योजना- आपकी सरकार- आपके द्वार’ के तीसरे चरण के तहत आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी नीति और नीयत एक है। हम जो जनता से वादा करते हैं, उससे कहीं ज्यादा बढ़कर उसे निभाते हैं। फूलो-झानो आशीर्वाद योजना के तहत महिलाओं को सम्मानजनक आजीविका से जोड़ने के लिए अब 50 हजार रुपये मिलेंगे।
समस्या और तकलीफों का चल रहा है पता
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘आपकी योजना -आपकी सरकार- आपके द्वार’ कार्यक्रम के तहत लग रहे शिविरों से दूर -दराज के इलाकों में रहने वाले गरीबों की समस्याओं और उनकी तकलीफों की वास्तविकता सामने आ रही है। शिविरों में प्राप्त हुए आवेदन के आधार पर सूचीबद्ध तरीके से आप जनता की समस्याओं की प्राथमिकता तय कर नीति और कार्य योजना तैयार की और लोगों की समस्याओं के समाधान का कार्य किया। मुख्यमंत्री ने लोगों से कहा कि वे इन शिविरों में आएं और अपनी जरूरत की योजनाओं से जुड़कर अपने को सशक्त और स्वावलंबी बनाएं।
राज्य से पिछड़ेपन के टैग को खत्म करेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड अलग राज्य गठन के 23 वर्ष हो चुके हैं। यह राज्य युवावस्था में प्रवेश कर चुका है। हालांकि, पिछले दो दशकों के दौरान तमाम संसाधनों से धनी होने के बाद भी इस राज्य को मजबूत करने के प्रति किसी प्रकार की गंभीरता देखने को नहीं मिली। इसी वजह से यह राज्य लगातार पिछड़ता चला गया। हमारी सरकार ने लक्ष्य रखा है कि वर्ष 2025 तक झारखंड के साथ लगे पिछड़ेपन के टैग को समाप्त करेंगे। विकास की एक लंबी लकीर खीचेंगे। इस राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमारी सरकार पूरी ताकत के साथ काम कर रही है।
महिलाओं को सम्मानजनक आजीविका से जोड़ रहे
मुख्यमंत्री ने कहा कि फूलो- झानो आशीर्वाद योजना के माध्यम से हड़िया -दारू बेचनेवाली महिलाओं को सम्मानजनक आजीविका से जोड़ा जा रहा है। पहले इसके लिए सरकार द्वारा महिलाओं को आर्थिक सहायता के रूप में 10 हज़ार रुपये दिए जाते थे। अब बढ़ाकर 50 हज़ार रुपए करने का निर्णय सरकार ने लिया है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती पर फोकस
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड तभी सशक्त होगा, जब हमारा गांव मजबूत होगा। इसी बात को ध्यान में रखकर हमारी सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के ख्याल से योजनाएं बना रही हैं। किसान- मजदूर और हमारे गांव में रहने वाले लोगों का सर्वांगीण विकास हमारी सरकार की प्रतिबद्धता है। नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना, दीदी बाड़ी योजना और मुख्यमंत्री पशुधन योजना जैसी कई योजनाओं इसी बात को ध्यान में रखकर चलाई जा रही हैं।
आने वाली पीढ़ी को मजबूत बनाने का प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाली पीढ़ी को मजबूत करने का हमारी सरकार ने संकल्प ले रखा है। बच्चों और नौजवानों का भविष्य संवारने के लिए सरकार समुचित कदम उठा रही है। बच्चियां पढ़ाई से जुड़ी रहे इसके लिए सावित्रीबाई फूले किशोरी समृद्धि योजना लागू की गई है। प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी से लेकर विभिन्न कोर्सेस को करने के लिए सरकार मदद दे रही है। गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से विद्यार्थियों को शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता देने का काम हो रहा है। मरांग गोमके पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के तहत विदेश में उच्च शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को शत-प्रतिशत स्कॉलरशिप दी जा रही है। वर्तमान में आदिवासी, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग के 50 बच्चों को यह स्कॉलरशिप मिल रहा है। लेकिन, इस योजना के तहत विद्यार्थियों की संख्या 500 तक करने की दिशा में सरकार जल्द निर्णय लेगी ।
स्वरोजगार करने के लिए पूंजी की कमी नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने पढ़े-लिखे और कम पढ़े -लिखे और नहीं पढ़े लिखे लोगों के लिए भी योजनाएं बनाई हैं। आज सरकारी क्षेत्र के साथ निजी क्षेत्र में ही बड़े पैमाने पर नियुक्तियां हो रही हैं। वहीं, स्वरोजगार के इच्छुक युवाओं के लिए मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना है। सरकार ने इस योजना के लिए अतिरिक्त राशि का भी प्रावधान किया है। ऐसे में अपना व्यवसाय करने के इच्छुक युवाओं को अब पूंजी की कमी नहीं होगी। सरकार उन्हें पूंजी उपलब्ध कराएगी।
बिजली के लिए डीवीसी पर नहीं होगी निर्भरता
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कुछ जिलों में बिजली आपूर्ति के लिए डीवीसी पर अभी तक जो निर्भरता है, उसे खत्म किया जा रहा है। इसके लिए नए सब स्टेशन, ग्रिड, ट्रांसमिशन और संचरण लाइन बनाने का काम तेजी से चल रहा है। इनके शुरू होने से राज्य सरकार अपने बलबूते विद्युत आपूर्ति कर सकेगी।
जल-जंगल- जमीन हमारी पहचान है
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विकास के नाम पर प्राकृतिक संसाधनों के साथ छेड़छाड़ का सिलसिला निरंतर जारी है। इस वजह से पर्यावरण पर खतरा बढ़ता ही जा रहा है। आज मौसम में जिस तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं, वह अच्छा संकेत नहीं है। ऐसे में पर्यावरण को बचाने के लिए हम सभी को आगे आना होगा। उन्होंने बल देकर कहा कि जल- जंगल -जमीन हमारी अस्मिता से जुड़ा है। यह हमारी पहचान है और इसे बनाए रखने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
अपने बलबूते 8 लाख लोगों को देंगे आवास
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अब अपने बलबूते 8 लाख लोगों को 3 कमरों वाला मकान देगी। इसके लिए शुरू की गई अबुआ आवास योजना के लिए 16 हज़ार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वहीं, सुदूर गांवों से शहरों की कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत बुजुर्ग, दिव्यांग महिलाएं और छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क बस सेवा की सुविधा मिलेगी। हर वर्ष लगभग एक करोड़ लोग इस योजना का लाभ ले सकेंगे।
4.33 अरब की योजनाओं का तोहफा
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 4 अरब 33 करोड़ 9 लाख 47 हज़ार 636 रुपये की 194 योजनाओं कोडरमावासियों को दी। इसमें 1 अरब 23 करोड़ 81 लाख 36 हज़ार 330 रुपये की 175 योजनाओं का उद्घाटन और 3 अरब 9 करोड़ 28 लाख 11 हज़ार 306 रुपये की 19 योजनाओं की नींव रखी गई। मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के 19033 लाभुकों को सशक्त और स्वावलंबी बनाने के लिए उनके बीच करीब 10 करोड़ 49 लाख 62 हज़ार 130 रुपए की परिसंपत्ति बांटी।
मंत्री-विधायक सहित ये मौजूद
इस अवसर पर श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, विधायक अमित कुमार यादव, जिला परिषद अध्यक्ष रामधन यादव, बीस सूत्री उपाध्यक्ष श्रीमती लीलावती देवी, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे और जिले के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
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