गुमला। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के अधीन संचालित मात्स्यिकी विज्ञान महाविद्यालय में 15 नवंबर, 2023 को भगवान बिरसा मुंडा जयंती हर्षोल्लास मनाई गई। कार्यक्रम में भगवान बिरसा मुंडा को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।
महाविद्यालय के सहायक-प्राध्यापक डॉ ओम प्रवेश कुमार रवि ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए भगवान बिरसा मुंडा के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। उन्होंने बताया कि कैसे कम उम्र के एक बालक ने इतिहास रच दिया। वे स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नेता रहे। आदिवासी समुदाय के जननायक और ‘धरती आबा’ कहे गये। उन्ही के नाम पर बिरसा मुंडा हवाई अड्डा, बिरसा मुंडा जैविक उद्यान, एवं अपने विश्वविद्यालय, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय का नाम पड़ा।
डॉ गुलशन कुमार ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने समुदाय, राज्य और देश के लिए सर्वस्व त्याग दिए। आजादी के इतने वर्ष गुजर गए, आबादी कहां से कहां पहुंच गयी, पर जो विकास मिलना चाहिए वो अब भी नहीं मिल पाया। आदिवासी सम्प्रदाय, पिछड़ा वर्ग या जनजाति समुदाय आज भी अच्छी तरह से विकसित नहीं हो पाए हैं। यह तभी संभव है जब हम अपनी संस्कृति को समझे। सामजिक भावनाओं का आदर करें। आपस में भाईचारा रखें। शिक्षा का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार हो।
इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम महाविद्यालय के सह-अधिष्ठाता डॉ एके सिंह के दिशा-निर्देश में हुआ। मौके पर महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ ओम प्रवेश कुमार रवि, डॉ गुलशन कुमार, डॉ स्टैनज़िन गावा, डॉ रोहितास यादव, सुश्री विष्णु प्रिया, संजय नाथ पाठक एवं अन्य सभी कर्मचारी उपस्थित थे I
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