उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग से अच्छी खबर आई है। 17 दिनों से फंसे 41 श्रमिकों को सुरंग से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।
बीते 17 दिनों से कई टीमें बचाव अभियान में जुटी थीं। पहले ऑगर मशीन से सुरंग में पाइप डाला जा रहा था, लेकिन लक्ष्य से 12 मीटर पहले ही बाधाएं आने की वजह से मशीन काम नहीं कर पाई। इसके बाद रैट माइनर्स की टीम को बुलाया गया। जिसे आज दोपहर श्रमिकों को बाहर निकालने में सफलता मिली।
बताते चलें कि, सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन में केंद्र व राज्य सरकार की 20 एजेंसियां जुटी रहीं। चारधाम महामार्ग परियोजना के तहत निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में हादसे के बाद सुरंग निर्माण करवा रही कार्यदायी संस्था एनएचआईडीसीएल, जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, आपदा प्रबंधन विभाग, पुलिस व होमगार्ड्स की टीम सबसे पहले मौके पर पहुंची थी।
तकनीकी कारणों के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन लंबा खिंचने पर केंद्र सरकार की अन्य एजेंसियां भी यहां पहुंच गईं। इनमें बीआरओ, आरवीएनएल, एसजेवीएनएल, लार्सन एंड टूब्रो, टीएचडीसी, ओएनजीसी, भारतीय सेना, डीआरडीओ, परिवहन मंत्रालय व कोल इंडिया और रैट माइनर्स भी शामिल हुए।
इनके बीच समन्वय के लिए भारत सरकार के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे, प्रधानमंत्री कार्यालय में उप सचिव मंगेश घिल्डियाल, राज्य सरकार में सचिव नीरज खैरवाल, आपदा सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा, एनएचआईडीसील के एमडी महमूद अहमद, परिवहन मंत्रालय में सचिव अनुराग जैन, उत्तरकाशी डीएम अभिषेक रूहेला व एसपी अर्पण यदुवंशी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इनमें से कई अधिकारी हादसे के बाद से ही सिलक्यारा में ही डेरा डाले हुए थे। वहीं, सीएम धामी भी सिलक्यारा में ही कैंप कार्यालय बनाकर डटे हुए थे। नौवें दिन देर शाम टीम को सफलता मिली और छह इंच का दूसरा फूड पाइप मजदूरों तक पहुंचा दिया गया।
देर शाम इसी पाइप से उन्हें खाने के लिए खिचड़ी और मोबाइल चार्ज करने के लिए चार्जर भेजे गए थे। 10वें दिन एंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरा सुरंग में फंसे मजदूरों तक पहुंचाया गया। जिससे श्रमिकों की पहली तस्वीर सामने आई। उसके बाद लगातार श्रमिकों को इसी पाइप से खाना भेजा गया।