सीएम का निर्देश, गांव-गांव पहुंचकर झारखंड आंदोलनकारि‍यों को करें चिन्हित

झारखंड
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  • पूर्व की सरकारों ने आंदोलनकरियों को अपमानित करने का काम किया

रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड मंत्रालय में झारखंड आंदोलनकारी चिन्हितीकरण आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों के साथ बुधवार को बैठक की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग झारखंड राज्य का गठन होना बड़ी उपलब्धि थी। अलग राज्य की परिकल्पना को साकार करने के लिए हजारों की संख्या में आंदोलनकरियों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। राज्य के विभिन्न रिसोर्स, संपत्ति पर पहला अधिकार आंदोलनकारी और उनके परिवार का होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि अगले 15 से 20 दिनों के भीतर गांव-गांव पहुंचकर आंदोलनकारी और आंदोलनकारी परिवार के सदस्यों का चिन्हितिकरण कार्य पूरा करें।

पूर्व की सरकारों ने अपमानित किया

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व की राज्य सरकारों अलग आंदोलनकरियों की संख्या को घटाकर 25 से 30 हजार में समेटना चाहती थी। पूर्व की सरकारों ने उन्‍हें अपमानित करने का काम किया है। वर्तमान राज्य सरकार गांव-गांव में पहुंच कर एक-एक आंदोलनकारी परिवार तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। हमारी सरकार का लक्ष्य है कि एक-एक आंदोलनकारी या उनके परिवार को पूरे मान-सम्मान के साथ उनका अधिकार दिया जाए। इस निमित्त सरकार गठन के बाद से ही हमारा निरंतर प्रयास जारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि हम वैसे आंदोलनकारी अथवा उनके परिवार को पूरा मान-सम्मान के साथ हर रूप में सहयोग करें।

डुगडुगी बजाने वाले की भी भूमिका

हेमन्त सोरेन ने कहा कि मुझे अभी भी स्मरण है कि किस प्रकार डुगडुगी बजाकर यह संदेश दिया जाता था कि कौन से समय पर आंदोलनकारी किस स्थान पर एकजुट होकर बैठक कर अलग राज्य लेने की रणनीति तैयार करेंगे। मेरा मानना है कि अलग झारखंड राज्य के निर्माण में डुगडुगी बजने वाले आंदोलनकारी की भी उतनी ही भूमिका है, जितना अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले आंदोलनकारी की।

पीड़ा बेटा ही समझ सकता है

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक आंदोलनकारी परिवार की पीड़ा एक आंदोलनकारी परिवार का बेटा ही समझ सकता है। आज झारखंड का नेतृत्व एक आंदोलनकारी के बेटा कर रहा है। मैं आंदोलनकारी और उनके परिवार के सदस्यों की पीड़ा को अच्छी तरह से समझ सकता हूं। आप समझ सकते हैं कि अलग झारखंड राज्य की लड़ाई में जिस बेटे के पिता ने अपने प्राणों की आहुति दी है, उस बेटे पर क्या गुजरती होगी। वैसे लोगों का भविष्य कौन संवारेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द राज्य के आंदोलनकारी तथा उनके परिवारों का चिन्हितिकरण कार्य पूरा कर उनकी हर समस्याओं का निदान हमारी सरकार करेगी।

अध्‍यक्ष सहित बैठक में ये मौजूद

बैठक में झारखंड चिन्हितीकरण आयोग के अध्यक्ष दुर्गा उरांव, सदस्य भुवनेश्वर महतो एवं नरसिंह मुर्मू, अपर मुख्य सचिव (गृह विभाग) अविनाश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्रीमती वंदना दादेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे उपस्थित थे।

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