Jharkhand Weather : रांची। उत्तर-पूर्व और उससे सटे हुए बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर एरिया बना हुआ है। यह उत्तर-पश्चिम होता हुआ उत्तरी ओडिशा और उससे सटे हुए पश्चिम बंगाल उसके तटीय इलाकों तक अगले 48 घंटे में पहुंचेगा। इसका अच्छा असर कल यानी 30 सितंबर से झारखंड में देखने को मिलेगा। यह जानकारी रांची मौसम केंद्र के प्रमुख अभिषेक आनंद ने 29 सितंबर को दी।
तापमान में गिरावट
राज्य में अगले 24 घंटे के दौरान अधिकतम तापमान में कोई बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। इसके बाद इसमें धीरे-धीरे 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने की संभावना है।
30 सितंबर से ये स्थिति
राज्य के कई स्थानों पर गर्जन के साथ हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश होने की संभावना है।
1 से 5 अक्टूबर तक ये स्थिति
1 से 4 अक्टूबर तक राज्य में लगभग सभी स्थानों पर गर्जन के साथ हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश होगी। 5 अक्टूबर को राज्य में कई स्थानों पर गर्जन के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है।
वज्रपात को लेकर अलर्ट
केंद्र के मुताबिक 30 सितंबर से 3 अक्टूबर तक राज्य में कहीं-कहीं गर्जन के साथ वज्रपात होने की आशंका है। इसे लेकर सतर्क रहने की जरूरत है।
यहां भारी बारिश
- राज्य के दक्षिण-पूर्वी और मध्य भागों में 30 सितंबर को कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है। इसका असर पूर्वी सिंहभूम, पश्चिम सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, खूंटी, रांची, बोकारो, रामगढ़ आदि जिलों में देखने को मिलेगा।
- 1 अक्टूबर को राज्य के दक्षिण-पश्चिम और निकटवर्ती मध्य भागों में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। इसका प्रभाव पश्चिम सिंहभूम, सिमडेगा, गुमला, खूंटी, लोहरदगा, रांची, रामगढ़, बोकारो, धनबाद जिले में देखने को मिलेगा।
- 2 अक्टूबर को राज्य के उत्तर-पूर्वी और निकटवर्ती मध्य भागों में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। इसका प्रभाव साहिबगंज, गोड्डा, पाकुड़, दुमका, देवघर, जामताड़ा, गिरिडीह, बोकारो, धनबाद, कोडरमा, हजारीबाग जिले में देखने को मिलेगा।
- 3 अक्टूबर को राज्य के पश्चिम भागों में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। इसका असर सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा, लातेहार, पाकुड़, गढ़वा जिले में कहीं-कहीं देखने को मिलेगा।
वज्रपात से ऐसे बचें
यथासंभव घर पर रहें। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों या कॉर्डेड फोन का उपयोग करने से बचें, क्योंकि बिजली तारों के माध्यम से यात्रा कर सकती है। चोट या क्षति का कारण बन सकती है। बाहर हैं तो ऊंची जमीन या अलग-थलग पेड़ों से बचें। बड़े पेड़ के नीचे, बिजली के खंभों या खाली जगह से हट जाएं। किसी सुरक्षित या पक्की संरचना के नीचे शरण लें।
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