मदरसा का खाना खाने से बीमार हुए 19 बच्‍चों के मामले की जांच शुरू

झारखंड
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विवेक चौबे

गढ़वा। झारखंड के गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड मुख्यालय स्थित मदरसा के 19 बच्चे खाना खाने से बीमार हो जाने के मामला में रविवार को जांच शुरू हुई। मदरसा पहुंच कर पुलिस इंस्पेक्टर अरविंद कुमार ने पूछताछ करते हुए जांच पड़ताल की।

पुलिस इंस्पेक्टर ने बताया कि प्रथम जांच में यह घटना फ़ूड प्‍वॉइजनिंग का लगता है। अगर रैट कील जहर बच्चों के खाने में मिला होता तो पीड़ित बच्चे इतने जल्द स्वस्थ्य नहीं हो पाते। पुलिस ने मदरसे के सदर मोहम्मद इकबाल खलीफा, हाफिज अब्दुल माजीद, गुलाम मुर्तुजा अंसारी, बच्चे और रसोइया से कई बिंदुओं पर पूछताछ की।

पुलिस इंस्‍पेक्‍टर ने बताया कि रेफरल अस्पताल मझिआंव में पीड़ित 19 बच्चों में से मात्र 4 से 5 बच्चों को ही स्लाइन चढ़ाया गया था। शेष बच्चे बच्चे ठीक थे। पुलिस घटना का सनहा दर्ज कर ली है। अगर मदरसा कमेटी या किसी अभिभावक द्वारा थाना को आवेदन मिलता हैं तो उसके आधार पर जांच करेगी।

खाने की जांच के लिए नमूना क्यों नही लिया गया? मदरसा में पढ़ाई कर रहे 20 बच्चों में से 19 बच्चे ही खाना खाया, एक बच्चे ने नही खाया? इस सवाल पर कांडी एसआई स्वामी रंजन ओझा ने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची तो जिस बर्तन में भोजन रखा था, वह पूरी तरह खाली था। बर्तन साफ कर रखा हुआ था। इसी वजह से भोजन का सेम्पल पुलिस नहीं ले सकी।

यहां पर बच्चों के बीच भोजन परोसने वाला कोई नहीं है। बच्चे स्वयं भोजन लेकर खाते हैं। दूसरी बात है कि एक बच्चा भोजन क्यों नही किया तो बच्चा से पूछने पर उसने बताया कि उसके पेट में दर्द था।

मदरसा के आंगन में खुले आकाश के नीचे चूल्हे पर खाना पकाया जाता है। मदरसा की रसोइया खुशबून बीबी ने बताया कि वह पिछले आठ वर्षों से बच्चों के लिए खाना बनाने का काम कर रही है। घटना के दिन भी दाल, चावल व सब्जी बनाकर कमरे के अंदर अच्छी तरह से ढक कर रखकर दूसरी जगह काम करने चली गयी थी।

रसोइया ने कहा कि वह गरीब है। एक जगह काम करने से परिवार नहीं चल सकता है। घटना कैसे घटी, इस बारे में उसे कुछ पता नहीं है। मदरसा सदर मोहम्मद इकबाल खलीफा ने कहा कि जांच पड़ताल चल रही है। कुछ रिजल्ट निकल कर आ सकता है।

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