रांची। शुक्रवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने चारा घोटाला के 27 साल पुराने और अंतिम मामले (कांड संख्या आरसी 48 ए/96) के 35 अभियुक्तों को 4-4 साल की सजा सुनायी।
साथ ही साथ 75 हजार से लेकर अधिकतम 1 करोड़ तक का जुर्माना लगाया है।
ये मामला डोरंडा कोषागार से 36. 59 करोड़ की अवैध निकासी से जुड़ा है। इसके पहले 28 अगस्त को इस मामले में सुनवाई हुई थी। इस मामले में 124 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे थे। उनमें से 35 आरोपियों को रिहा कर दिया गया था, जबकि 53 अभियुक्तों को दो से तीन साल की सजा सुनायी गयी थी। निचली अदालत ने उन्हें बेल दे दिया था, अब वे हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
चारा घोटाले का 27 साल पुराना और अंतिम मामले (कांड संख्या आरसी-48 ए/96) में 28 अगस्त 2023 को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव ने फैसला सुनाया था। यह मामला डोरंडा कोषागार से 36.59 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा है।
इसमें बजट एवं लेखा पदाधिकारी, पशुपालन विभाग के पदाधिकारी, पशु चिकित्सक और आपूर्तिकर्ता सहित कुल 124 आरोपियों की सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई। अदालत ने इनमें से 88 अभियुक्तों को दोषी पाया था। इनमें से पूर्व विधायक गुलशन लाल आजमानी समेत 53 अभियुक्तों को दो से तीन साल तक की सजा सुनायी गयी थी।
आजमानी को तीन साल की सजा और 10 हजार रुपये का जुर्माना किया गया। 35 आरोपियों को बरी कर दिया गया है। अदालत ने शेष 36 अभियुक्तों की सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए एक सितंबर की तिथि निर्धारित की थी।
सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए अदालत ने सबसे कम 1300 रुपये और सबसे अधिक चार लाख रुपये का जुर्माना लगाया। सजा सुनाये जाने के बाद सभी को बेल बांड भरवाकर छोड़ दिया गया। अब ये सभी हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
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