पटना। बिहार के शिक्षा विभाग ने सितंबर से दिसंबर के बीच सरकारी स्कूलों में त्योहारों की छुट्टियों में कटौती करने फैसला वापस ले लिया है। शिक्षकों के व्यापक विरोध के बाद सरकार ने अपना निर्णय वापस लिया है। इसका आदेश जारी होते ही सत्तासीन दलों में बेचैनी हो गई है।
राजद के नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि यह तो सरकार का फैसला है। सरकार को लगा होगा कि पुर्नविचार करने की जरूरत है तो उन्होंने किया। उन छुट्टियों में विश्वकर्मा पूजा भी है। विश्वकर्मा हमारे धर्म में महान इंजीनियर माने जाते हैं, लेकिन उसके लिए स्कूल की पढ़ाई 1 दिन बंद करने का क्या तर्क है?
तिवारी ने आगे कहा कि अब जन्माष्टमी में बच्चे तो उपवास करते नहीं हैं। 1-2 शिक्षक करते होंगे तो उन्हें छुट्टी दें। बच्चों की पढ़ाई के दिन में कटौती का समर्थन वही आदमी कर सकता है, जिसे बच्चों की पढ़ाई से कोई मतलब नहीं हो।
जदयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश में क्या तीज की छुट्टी नहीं मिलनी चाहिए? वहां छठ की सिर्फ एक दिन की छुट्टी है। भाजपा बिहार के नेता हिम्मत करें। मांग करें कि वहां (उत्तर प्रदेश) भी तीज, अनंत चतुर्दशी और छठ की छुट्टियां दी जाएं।
नीरज ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय जितनी छुट्टियां देता है, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय उतनी छुट्टियां नहीं देता है। सनातन धर्म का अपमान आप कर रहे हैं। प्रवचन दूसरे को दे रहे हो।
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