नई दिल्ली। रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने वामपंथी विचारधारा (Leftist ideology) पर करारा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि वामपंथी नेताओं ने मार्क्सवाद के नाम पर दुनिया में विनाश लाया है। इसके साथ ही उन्होंने सनातन धर्म के खिलाफ दिए जा रहे बयान पर भी प्रतिक्रिया दी।
भागवत ने रविवार को पुणे में ‘जागला पोखरनारी दावी वालवी’ नाम की एक मराठी पुस्तक का विमोचन किया। इसके लेखक अभिजीत जोग हैं। पुस्तक में वामपंथी विचारधारा और राजनीति पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है।
विमोचन कार्यक्रम में भागवत ने कहा कि दुनिया में वामपंथी विचारधारा और राजनीति से विनाश हुआ है। दुनिया को इससे बचाने की जिम्मेदारी भारत पर है। मार्क्सवाद के नाम पर वामपंथी पश्चिम में विनाश के बीज बो रहे हैं। वे गलत आदर्शों और सिद्धांतों को बढ़ावा दे रहे हैं।
इससे समाज का नुकसान हो रहा है। बर्बरता की ओर मानव स्वभाव और व्यवहार का तेजी से झुकाव हो रहा है। सिर्फ समाज ही नहीं, यहां तक कि परिवार भी संकट का सामना कर रहे हैं। हम सभी को इस संकट के प्रति जागरूक और सतर्क रहने की जरूरत है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और राज्य सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने बीते दिनों सनातन धर्म को लेकर विवादित बयान दिया। इसके बाद डीएमके के कई नेताओं ने सनातन के खिलाफ जहरीले बोल बोले।
इस संबंध में भागवत ने कहा कि सनातन को उसके उचित स्थान पर पुनर्स्थापित करने के लिए राक्षसों के साथ लड़ाई चल रही है। इस लड़ाई में हम सबको एक साथ सनातन और देव संस्कृति के पक्ष में खड़ा होना होगा। दुनिया को अंधकार से बाहर निकालना होगा।
आरएसएस प्रमुख ने जी20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए केंद्र सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत के प्रस्ताव पर अफ्रीकी संघ को जी20 का स्थायी सदस्य बनाया गया। इससे पता चलता है कि भारत किस तरह तेजी से आगे बढ़ रहा है।