बीएयू कुलपति ने राष्ट्रीय पोषण सप्ताह का किया शुभारंभ

झारखंड
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  • स्वस्थ भारत के लिए छात्राओं को पोषण के प्रति जागरूक करना जरूरी : डॉ ओंकार नाथ सिंह

रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के सामुदायिक विज्ञान विभाग में राष्ट्रीय पोषण सप्ताह-2023 समारोह का आयोजन 1 सितंबर को किया गया। इसका शुभारंभ कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कि‍या। इसमें अनीता गर्ल्स हाईस्कूल की 10वीं की 80 छात्राओं और विभाग में अध्ययनरत बीवोक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।

मौके पर छात्र-छात्राओं ने हम सब का एक नारा, पोषण है अधिकार हमारा, कदम-कदम बढ़ाये जा कुपोषण को भगाये जा, हम बच्चों ने ठाना है समाज से कुपोषण को दूर भागना है आदि नारे बुलंद किये। पोषण के महत्‍व पर आधारित पोस्टर व बैनर से लोगों को जागरूक किया।

समारोह के दौरान बीवोक छात्र-छात्राओं ने एक माह के न्यूट्री क्लिनिक कैंप में अनीता गर्ल्स हाई स्कूल के सभी 80 छात्राओं का वजन, लम्बाई, बीएमआई, उम्र, दैनिक आहार एवं जीवन शैली, बीमारी से सबंधित जानकारियों के डाटाबेस का संग्रह किया। इसका बीवोक छात्रों के दल द्वारा स्क्रीनिंग करने के उपरांत आहार एवं जीवन शैली सबंधी सभी छात्राओं का प्रतिवेदन स्कूल को भेजा जाएगा। कार्यक्रम सफल कार्यान्वयन में अनीता गर्ल्स हाईस्कूल के शिक्षक कन्हाई महतो एवं शिक्षिका अनिमा किओं का विशेष सहयोग रहा।

समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कहा कि झारखंड में महिला और बच्चों में कुपोषण सबसे बड़ी समस्या है। राज्य की 70 प्रतिशत महिलाएं एवं बच्चे खून की कमी (अनीमिया) से पीड़ित हैं। कुपोषण की वजह से बच्चों में बौनापन और शारीरिक विकार देखा जा रहा है। भारत एक युवा राष्ट्र है। आज के बच्चे कल के युवा हैं, जो भविष्य में भारत का जयगान करेंगे। इसलिए बच्चों एवं युवाओं को पोषण के महत्‍व के प्रति जागरूक करना और स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने की जरूरत है। देश की भावी पीढ़ी को स्वस्थ्य बनाये रखना देश के सभी नागरिकों की नैतिक जिम्मेदारी है।

कुलपति ने कहा कि आज की बच्चियां, भविष्य की युवती एवं नारी शक्ति है। भावी स्वस्थ भारत के लिए आज की छात्राओं को पोषण के प्रति जागरूक करने की विशेष जरूरत है। पोषण की महत्ता को देखते हुए वर्ष 2023 को इंटरनेशनल मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने छात्राओं को दैनिक आहार में मडुआ, ज्वार, बाजरा आदि मिलेट्स उत्पादों का सेवन करने की सलाह दी। पोषणयुक्त आहार के प्रति माता-पिता, भाई-बहन एवं समाज के लोगों की अभिरुचि बढ़ाने पर जोर दिया।

डीन एग्रीकल्चर डॉ डीके शाही ने छात्र-छात्राओं को जंक फ़ूड से परहेज करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जंक फ़ूड स्वादिष्ट होते है, लेकिन उसमें पोषण की नितांत कमी होती है। बच्चों को जीवनपर्यंत स्वस्थ्य रहने के लिए पोषणयुक्त आहार लेना बेहद जरूरी है। बच्चे जंक फ़ूड के सेवन को त्यागकर दूध, दही, पनीर, हरी साग-सब्जी, फल एवं मिलेट्स उत्पादों को अपने आहार दिनचर्या में शामिल करें।

इस अवसर पर विभागाध्यक्ष (सामुदायिक विज्ञान) डॉ रेखा सिन्हा ने दैनिक आहार में विटामिन, प्रोटीन, वसा, खनिज का महत्‍व, विभिन्न पोषणयुक्त आहार और स्वस्थ जीवन में पोषण की आवश्यकता पर विस्तार से जानकारी दी। बताया कि हमारे देश भारत में 1982 से राष्ट्रीय पोषण सप्ताह मनाया जा रहा है। यह कार्यक्रम पूरे देश में प्रतिवर्ष 1 से 7 सितंबर तक मनाया जाता है।

इस वर्ष भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पोषण सप्ताह-2023 का थीम ‘महिला और स्वास्थ्य’ और ‘बच्चे और शिक्षा’ रखा गया है। यह थीम महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और विकास में पोषण के महत्व पर प्रकाश डालता है। भारत में हर एक नागरिक को राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के महत्व को जानने, समाज को पोषण के महत्व के प्रति शिक्षित करने और लोगों को स्वस्थ और अच्छी जीवन शैली जीने के प्रति जागरूक करने की जरूरत है।

मौके पर एचएन दास, बिंदु शर्मा, नीलिका चंद्रा, उत्कर्ष, अंकिता, अनुप्रिया, आरती आदि भी मौजूद थे।

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