पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के बाद भी रुक नहीं रही हिंसा, अबतक 50 लोगों की मौत

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नई दिल्ली। बड़ी खबर पश्चिम बंगाल से आ रही है। यहां पंचायत चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद भी हिंसा नहीं रुक रही है। पिछले 24 घंटों में हिंसा के अलग-अलग  मामलों  में कम से कम चार और लोगों की मौत हो गई है। इन मौतों को जोड़कर अब आंकड़ा 50 पर पहुंच गया है। 

पुलिस का दावा है कि कुछ लोग अपने साथियों के साथ गुरुवार रात बैष्णबनगर इलाके के सिकास्ती गांव में एक लीची के बगीचे में बम बना रहे थे और इस दौरान बम फट गया। खबर के मुताबिक अधिकारियों ने कहा कि इस विस्फोट में रहमान के सहयोगी आलम शेख का एक हाथ उड़ गया है, जबकि कालू शेख नाम का एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया है। 

पश्चिम बंगाल में पिछले दो दिनों में आगजनी के दो मामले सामने आए हैं, जिससे हालिया पंचायत चुनावों को लेकर तनाव बढ़ गया है। भाजपा और टीएमसी दोनों दलों  ने आरोप लगाया कि उनके कार्यालय जलाने की कोशिशें हुई हैं।

दावे के मुताबिक हावड़ा जिले में एक भाजपा ग्राम पंचायत उम्मीदवार के आवास और दुकान में आग लगा दी गई, जबकि बीरभूम में एक तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार के गोदाम में आग लगा दी गई।

पहली घटना हावड़ा के अमता में हुई थी, जहां भाजपा उम्मीदवार सोमा दास के आवास और दुकान को रात करीब 2:30 बजे अज्ञात लोगों ने निशाना बनाया था।  भाजपा ने सत्तारूढ़ टीएमसी पर आगजनी कराने का आरोप लगाया है और यह भी दावा किया है कि कई भाजपा उम्मीदवारों को टीएमसी समर्थकों द्वारा धमकी दी गई है।

इस बीच आगजनी की एक अन्य घटना में बीरभूम के तारापीठ में टीएमसी ग्राम पंचायत उम्मीदवार सेरिना खातून की एक दुकान और गोदाम को आग लगा दी गई। आरोप है कि इस हमले के पीछे निर्दलीय उम्मीदवार चांद सुल्तान का हाथ था। सेरिना चांद सुल्तान से महज पांच वोटों के अंतर से चुनाव हार गई थीं। 

टीएमसी ने पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित ग्रामीण चुनावों में भारी जीत हासिल की है। टीएमसी ने सभी जिला परिषदों पर कब्जा कर लिया है। टीएमसी ने 63,219 ग्राम पंचायत सीटों में से 35,000 से अधिक ग्राम पंचायत सीटें भी जीती हैं।