मध्य प्रदेश। हैरान कर देने वाली खबर मध्य प्रदेश के रीवा से आई है, जहां सिविल लाइन थाने में पदस्थ एक सब इंस्पेक्टर ने थाना प्रभारी को जान से मारने की नीयत से गोली मार दी। थाना प्रभारी को गंभीर हालत में इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना के बाद पुलिस विभाग के आला अधिकारी थाना प्रभारी की हालत जानने के लिए अस्पताल पहुंचे।
मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार की दोपहर 2:30 बजे रीवा के सिविल लाइन थाने में उपनिरीक्षक बीआर सिंह और थाना प्रभारी हेमेंद्र नाथ शर्मा के बीच जोर-जोर से बातचीत और एक-दूसरे पर चिल्लाने की आवाज आ रही थी। यह सुनकर थाने का पूरा स्टाफ सन्न रह गया।
इसी बीच थाना प्रभारी के कक्ष से फायरिंग की आवाज आई, जिसके बाद वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने कक्ष का दरवाजा खुलवाया। इसके बाद पुलिस कर्मियों ने देखा कि उपनिरीक्षक बीआर सिंह के हाथों में पिस्टल थी, जबकि थाना प्रभारी हेमेंद्र नाथ शर्मा घायल अवस्था में पड़े थे।
इस घटना के बाद घायल थाना प्रभारी को इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जैसे ही घटना की जानकारी पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह को लगी, वे तुरंत अस्पताल पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक थाना प्रभारी हेमेंद्र नाथ शर्मा और सब इंस्पेक्टर बीआर सिंह के बीच पिछले कई दिनों से विवाद चल रहा था। दरअसल उप निरीक्षक बीआर सिंह सीनियर सब इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थ थे। इसके बावजूद उनकी कार्यप्रणाली से थाना प्रभारी नाराज चल रहे थे।
बताया जाता है कि थाना प्रभारी ने बड़े अधिकारियों को सब इंस्पेक्टर का ट्रांसफर दूसरे थाने में करने की अनुशंसा की थी, जिसके बाद दोनों के बीच विवाद बढ़ गया। संभवत: यही विवाद गोलीबारी तक पहुंच गया।
पुलिस विभाग के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक गोलीबारी की घटना में थाना प्रभारी हेमेंद्र नाथ शर्मा की हालत नाजुक बनी हुई है। आरोपी सब इंस्पेक्टर ने सर्विस रिवाल्वर से उन पर फायर किया था। बताया जाता है कि कक्ष में दो से तीन फायर हुए थे। अबतक यह पता नहीं चल पाया है कि टीआई को कितनी गोली लगी है। अभी थाना प्रभारी को एक ही गोली लगने की पुष्टि हो पा रही है। उनके बाएं कंधे पर गोली लगी है।
सब इंस्पेक्टर बीआर सिंह की कार्यप्रणाली से थाना प्रभारी ही नाराज नहीं थे, बल्कि पुलिस महकमा भी दुखी था। इसी के चलते उनका प्रमोशन नहीं हो पा रहा था। बताया जाता है कि प्रमोशन नहीं होने के कारण बीआर सिंह डिप्रेशन में थे।
इतना ही नहीं वे खुद को सीनियर अधिकारी मानते हुए कई बार थाना प्रभारी के आदेश की अवहेलना भी कर देते थे। इसी वजह से उनके बीच विवाद की शुरुआत हुई।