मारवाड़ी कॉलेज में मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर संगोष्ठी, प्रतियोगिता के विजेता पुरस्‍कृत

झारखंड
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रांची। मारवाड़ी कॉलेज के जेसी बोस हॉल में हिन्दी विभाग ने कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर 31 जुलाई को संगोष्ठी की। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार, मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ) मिथिलेश कुमार सिंह, डॉ अशोक कुमार महतो, डॉ स्नेह प्रभा महतो, अनुभव चक्रवर्ती, डॉ घनश्याम प्रसाद, डॉ स्मिता गहलोत, डॉ सीमा चौधरी,  डॉ जयप्रकाश रजक, डॉ लता श्री, डॉ महेश्वर सारंगी, डॉ ललिता कुमारी, वैद्यनाथ महतो ने दीप प्रज्ज्वलित और मुंशी प्रेमचंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर गोष्‍ठी का शुभारंभ किया।

मुख्य अतिथि प्रो (डॉ) मिथिलेश कुमार सिंह ने कहा कि प्रेमचंद सदैव प्रासंगिक रहेंगे। कलम के सिपाही के रूप में उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपना अमूल्य योगदान दिया। सामाजिक कुरीतियों को हटाकर मानवीय मूल्यों की स्थापना करने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जो सिमपैथी को सही तरीके से अभिव्यक्त कर सकता है वह लेखक कहलाता है, उन्होंने छात्रों से देवकी नन्दन की रचनाओ को पढ़ने की सलाह दी।

डॉ स्नेह प्रभा महतो ने कहा कि प्रेमचंद समाज के विद्रुपताओं को अपने कहानियों के माध्यम से समाज के सामने लगाने का काम किया। प्रेमचंद के काका पात्र आज भी किसी न किसी रुप में उपस्थित दिखते है। इसलिए समाजिक कुरीतियों से आज भी आजाद होने की आवश्यकता है।

परीक्षा नियंत्रक वैद्यनाथ महतो ने कहा कि प्रेमचंद की रचनाओं से हमें सीख मिलती है।  उनकी रचना-नमक का दारोगा ईमानदार रहने की प्रेरणा देती है। प्राचार्य डॉ मनोज कुमार ने कहा कि हम प्रेमचंद को कभी भूला नहीं सकते हैं। प्रेमचंद साहित्य की ऐसी विरासत हमे सौंप गए हैं, जो गुणों की दृष्टि से अमूल्य है। आकार की दृष्टि से असीमित है।

धन्यवाद ज्ञापन हिन्दी विभाग की शिक्षिका डॉ स्मिता गहलोत ने किया। मंच संचालन राहुल कुमार ने किया। इस मौके पर निबंध प्रतियोगिता के चयनित सफल छात्रों को मुख्य अतिथि डॉ मनोज कुमार ने सर्टिफिकेट व मेंडल देकर सम्मानित किया।

इन्हें किया गया सम्मानित

यूजी में पहला स्थान अनुपम रंजन, दूसरा स्थान हंसराज चौरसिया, तीसरा स्थान सपना कुमारी, चौथा स्थान आकाश कुमार व पांचवा स्थान आराधना कुमारी।

पीजी में पहला स्थान उमेश कुमार यादव, दूसरा स्थान भवानी प्रसाद , तीसरा स्थान अंजली कुमारी , चौथा स्थान राकेश प्रजापति व पांचवा स्थान सिल्की कुमारी।